गौरेला पेंड्रा मरवाही

सेखवा पंचायत में 15वें वित्त की राशि में गड़बड़ी! सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप — 15 अगस्त की बूंदी-मिठाई का बिल “साहू हार्डवेयर” के नाम से जारी, ग्रामीणों ने की जांच की मांग

मरवाही(छत्तीसगढ़ उजाला)-जनपद पंचायत मरवाही के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सेखवा में 15वें वित्त आयोग की राशि के दुरुपयोग और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप सामने आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत की महिला सरपंच और वर्तमान पंचायत सचिव ओमकार मरावी ने मिलीभगत कर पंचायत की राशि का मनमाना उपयोग किया है।

सूत्रों के अनुसार, पंचायत के एक मटेरियल सप्लायर “कोटमी साहू हार्डवेयर” के बिल का भुगतान नियमों के विपरीत किया गया। बताया जा रहा है कि पंचायत में सेव, नमकीन, बूंदी और होटल सामग्री जैसी वस्तुओं के नाम पर भुगतान किया गया, जबकि वास्तविक बिल हार्डवेयर सामग्री का था।

जानकारी के मुताबिक, सचिव ओमकार मरावी ने 15 अगस्त के आयोजन के लिए बूंदी और मिठाई के नाम पर ₹20,640 का बिल पास कराया, जिसमें भुगतान “साहू हार्डवेयर” नामक फर्म के माध्यम से किया गया — जो वास्तव में रेत, गिट्टी और पंप की सप्लाई करने वाली दुकान है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बिलों में फर्जीवाड़ा कर राशि का दुरुपयोग किया गया है।

जब सरपंच से इस मामले में सवाल किए गए, तो उन्होंने अपने आपको सही ठहराने की कोशिश की और कहा कि यह फर्जी बिल सचिव द्वारा तैयार किया गया है। लेकिन, बिल की प्रति में सरपंच की मुहर और हस्ताक्षर दोनों मौजूद हैं, जिससे यह साफ़ होता है कि इस तरह के फर्जी बिल तैयार करने में सचिव और सरपंच दोनों की मिलीभगत रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में मनमाने बिल, फर्जी भुगतान और विकास कार्यों की अनदेखी अब आम बात हो गई है। सचिव ओमकार मरावी पर यह भी आरोप है कि वे पंचायत कार्यालय में शायद ही कभी उपस्थित रहते हैं और फोन पर भी संपर्क नहीं करते, जिससे पंचायत के नियमित कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

स्थानीय ग्रामीणों ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा

> “सरपंच और सचिव की मिलीभगत से पंचायत की राशि का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। विकास कार्य ठप हैं और पारदर्शिता पूरी तरह समाप्त हो गई है।”


ग्रामीणों ने मांग की है कि सेखवा पंचायत की वित्तीय जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि पंचायत की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

प्रशांत गौतम

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