
(छत्तीसगढ़ उजाला)-कोरबा जिले के कटघोरा क्षेत्र में जनपद सदस्य एवं वरिष्ठ भाजपा नेता अक्षय गर्ग की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस को जांच के दौरान बड़ी सफलता मिली है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि इस सनसनीखेज हत्याकांड के पीछे चुनावी रंजिश ही मुख्य कारण रही।
आईजी डॉ. संजीव शुक्ला के निर्देशन और एसपी सिद्धार्थ तिवारी की कड़ी निगरानी में गठित पुलिस टीम ने मामले की गुत्थियों को सुलझाना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, इस हत्याकांड में कुल पांच लोगों की संलिप्तता सामने आई है।
पुलिस ने धारदार हथियार टंगिया से हमला करने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं हत्या की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड को भी हिरासत में ले लिया गया है। जांच में दो आरोपियों की हत्या में प्रत्यक्ष भूमिका के पुख्ता सबूत पुलिस के हाथ लगे हैं।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि जनपद पंचायत क्षेत्र बिंझरा के चुनाव में अक्षय गर्ग की जीत के बाद उनके प्रतिद्वंद्वी मुश्ताक से विवाद लगातार बढ़ता गया। करीब एक वर्ष पूर्व चुनावी हार को लेकर दोनों पक्षों के बीच मारपीट की घटना हुई थी, जिसके बाद से आपसी दुश्मनी गहराती चली गई और अंततः यह विवाद हत्या जैसी जघन्य वारदात में बदल गया।
वारदात के समय वाहन में मौजूद तीन अन्य आरोपी, जिन्होंने चाकू से हमला किया था, फिलहाल फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की विशेष टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। हत्या में प्रयुक्त वाहन को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है, जिसे मुख्य साजिशकर्ता द्वारा हाल ही में खरीदे जाने की जानकारी सामने आई है।
फिलहाल पुलिस ने मुश्ताक, अर्बन कुजूर और विश्वजीत ओगरे सहित कुल पांच लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि, पुलिस के आधिकारिक खुलासे से पहले किसी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी माना जा रहा है।




