*जर्जर एंबुलेंस : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, 26 अगस्त को अगली तारीख; फिटनेस पर सवाल…शासन का ये दावा*
छत्तीसगढ़ उजाला - 8909144444

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। एम्बुलेंस सेवा 108 की जर्जर स्थिति पर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट को बताया गया कि राज्य में कुल 298 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस और 30 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस हैं। इसके साथ-साथ इन एम्बुलेंसों में दवाइयां और उपकरण भी उपलब्ध हैं। मामले को मॉनिटरिंग के लिए रखते हुए अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की गई है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस बिभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से बताया गया कि कोर्ट के गत 14, फरवरी 2025 के आदेश के अनुसरण में सुनवाई की पूर्व तारीख 17 मार्च 2025 को स्वास्थ्य विभाग के सचिव द्वारा एक हलफनामा दायर किया गया था।
जिसमें कहा गया था कि एम्बुलेंस में दवाइयां और उपकरण भी उपलब्ध हैं। इससे पूर्व छत्तीसगढ़ में 108 एंबुलेंस सेवा की जर्जर हालत पर हुई सुनवाई में सरकार की ओर से शपथपत्र पेश किया गया, जिसमें बताया गया था कि प्रदेश में कुल 328 एम्बुलेंस चल रही हैं।इनमें दो तरह का लाइफ सपोर्ट सिस्टम रखा गया है। पहली केटेगरी में बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम काम कर रहा है।
दूसरी केटेगरी में एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम रखा गया है। 108 वाहनों के संबंध में आई रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 से संचालित एंबुलेंसों की हालत बिगड़ती जा रही है। नियमों के मुताबिक, तीन लाख किलोमीटर से ज्यादा चल चुकी गाड़ियों को बंद किया जाना चाहिए, लेकिन अधिकांश 108 एंबुलेंसों के माइलेज मीटर ही काम नहीं कर रहे हैं। इन गाड़ियों का नियमित निरीक्षण भी नहीं किया जा रहा। जिससे इनकी फिटनेस पर सवाल उठ रहे हैं।
एंबुलेंसों में फर्स्ट एड बॉक्स, दवाइयां और उपकरण भी पर्याप्त नहीं हैं। कई मामलों में एक्सपायरी दवाइयां एंबुलेंसों में पाई गई हैं, जो मरीजों को स्वास्थ्य शिविरों के दौरान दी जा रही थीं।