बैकुंठपुर में अवैध शराब का धंधा बेलगाम — आबकारी विभाग की मिलीभगत से चल रहा ‘मादक मुनाफे’ का खेल

बैकुंठपुर(छत्तीसगढ़ उजाला)-जिले में शराब का अवैध कारोबार दिनोंदिन पैर पसारता जा रहा है। स्थिति यह है कि अब यह केवल कच्ची शराब तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि अंग्रेजी शराब की दुकानों तक इसका असर साफ दिखने लगा है। सूत्रों के अनुसार, आबकारी विभाग के कुछ कर्मचारी और अधिकारियों की मिलीभगत से यह गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है।
महीनेवार पैकेज में तय होती है सौदेबाजी
जानकारी के मुताबिक, विभागीय अमले और शराब कारोबारी के बीच महीना तय होता है। कच्ची शराब बनाने वालों से लेकर दुकानदारों तक सभी से रकम वसूली की जाती है। यही कारण है कि कार्रवाई केवल दिखावे तक सीमित रहती है और अवैध शराब का कारोबार प्रशासन की नाक के नीचे फल-फूल रहा है।
अंग्रेजी शराब में मिलावट — मुनाफे की होड़ में जान से खिलवाड़
स्थानीय सूत्रों का दावा है कि अंग्रेजी शराब की दुकानों पर भी मिलावटी और घटिया क्वालिटी की शराब बेची जा रही है। यह सब आबकारी विभाग की शह पर या उनकी अनदेखी में हो रहा है। मुनाफे के लालच में दुकानदार शराब में मिलावट तक करने से नहीं हिचकते, जिससे उपभोक्ताओं की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
ग्रामीणों का आरोप — शिकायत के बाद होती है ‘दिखावटी कार्रवाई’
ग्रामीणों का कहना है कि जब भी किसी क्षेत्र में कच्ची शराब की शिकायत की जाती है, तब कुछ दिनों के लिए छापेमारी की जाती है। लेकिन जल्द ही विभागीय कर्मचारियों और शराब बनाने वालों के बीच समझौता कर मामला दबा दिया जाता है। यही वजह है कि अवैध कारोबारियों के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
नशे के जाल में फँस रही युवा पीढ़ी
कच्ची और मिलावटी शराब का सेवन करने से आए दिन बीमारियों और हादसों के मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कारोबार न केवल स्वास्थ्य के लिए घातक है, बल्कि समाज के ताने-बाने को भी खोखला कर रहा है। नशे के कारण परिवार टूट रहे हैं और अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है।
उच्चस्तरीय जांच और सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय सामाजिक संगठन और जागरूक नागरिकों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही, उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए जो इस अवैध कारोबार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं।
जनता का सवाल — क्या मिलेगी न्याय या जारी रहेगा ‘शराब सिंडिकेट’ का खेल?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या शासन इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेगा और भ्रष्ट तंत्र पर लगाम लगाएगा, या फिर बैकुंठपुर में शराब का यह अवैध साम्राज्य यूं ही पनपता रहेगा?




