बिलासपुर

*बिलासपुर की एसीबी बड़ी कार्रवाई, एएसआई मिश्रा को दस हजार रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा*

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। बिलासपुर की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) मनोज मिश्रा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एसीबी की टीम ने जाल बिछाकर आरोपी को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की जा रही है।

केसला गांव के रहने वाले पंचराम चौहान ने एसीबी बिलासपुर में लिखित शिकायत दर्ज की थी। शिकायत में बताया गया कि उनकी बोलेरो गाड़ी को लेकर हरदीबाजार थाना में पदस्थ एएसआई मनोज मिश्रा ने उनसे 50,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। यह मामला तब शुरू हुआ जब मनोज मिश्रा रात करीब एक बजे प्रार्थी के घर पहुंचा और आरोप लगाया कि उनकी गाड़ी से डीजल चोरी का काम हो रहा है।

इसके बाद गाड़ी को थाने ले जाने की बात कही गई। रास्ते में मनोज मिश्रा ने गाड़ी को कार्रवाई से बचाने के लिए 50,000 रुपये की मांग की। प्रार्थी ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई, जिसके बाद उनकी गाड़ी को कुछ समय के लिए अपने पास रखवाया गया और अगले दिन वापस कर दिया गया। साथ ही पैसे की व्यवस्था करने का दबाव डाला गया। पंचराम चौहान ने रिश्वत देने के बजाय आरोपी को पकड़वाने का फैसला किया और एसीबी से संपर्क किया।

शिकायत के सत्यापन में मामला सही पाए जाने के बाद एसीबी ने योजना बनाई। पांच अप्रैल को प्रार्थी को मांगी गई रिश्वत की रकम में से 10,000 रुपये लेकर मनोज मिश्रा के पास भेजा गया। कोतवाली थाना परिसर में जैसे ही मनोज मिश्रा ने प्रार्थी से 10,000 रुपये लिए, एसीबी की टीम ने उसे रिश्वत की रकम सहित रंगे हाथों पकड़ लिया।इस घटना के बाद सहायक उपनिरीक्षक मनोज मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पिछले सात महीनों में प्रदेश में पुलिसकर्मियों के खिलाफ यह छठी ट्रैप कार्रवाई है। कोरबा में हुई इस घटना ने पूरे दिन चर्चा का माहौल बनाए रखा।

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