
रायपुर(छत्तीसगढ़ उजाला)
छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के एक बड़े घोटाले का खुलासा करते हुए स्पेशलाइज्ड करेंसी मैनेजमेंट ब्रांच (SCAB) के चीफ मैनेजर विजय कुमार आहके को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर बैंक के इंटरनल ऑफिस अकाउंट (सस्पेंस अकाउंट) का दुरुपयोग कर करीब 2 करोड़ 78 लाख 25 हजार 491 रुपये की अवैध निकासी कर सरकारी धन का गबन करने का गंभीर आरोप है।
यह कार्रवाई SBI रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्त शिकायत के आधार पर की गई। ACB ने 17 दिसंबर को इस मामले में अपराध क्रमांक 67/2025 दर्ज करते हुए भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया।
संवेदनशील शाखा का दुरुपयोग
विजय कुमार आहके SCAB के प्रमुख थे। यह शाखा अत्यंत संवेदनशील मानी जाती है, क्योंकि इसका कार्य अन्य शाखाओं को नकदी की आपूर्ति और उसके प्रबंधन से जुड़ा होता है। जांच में सामने आया कि आरोपी ने इसी भरोसे का दुरुपयोग करते हुए बैंक के ऐसे इंटरनल अकाउंट को निशाना बनाया, जिसकी कोई तय सीमा (लिमिट) नहीं थी। उसने इस खाते को ब्लैंक चेक की तरह इस्तेमाल किया।
आठ महीनों तक योजनाबद्ध फर्जीवाड़ा
ACB के अनुसार, करीब आठ महीनों तक आरोपी ने योजनाबद्ध तरीके से फर्जी एंट्री कर रकम को अपने और अपनी पत्नी के बैंक खातों में ट्रांसफर किया। इस दौरान उसने बैंक के रेड फ्लैग इंडिकेटर (RFI) सिस्टम को भी बायपास कर दिया।
सामान्य तौर पर RFI सिस्टम 30 दिनों में संदिग्ध गतिविधियों पर अलर्ट जारी करता है, लेकिन आरोपी ने लगातार मल्टीपल फेक एंट्रीज और रोलओवर कर सिस्टम को चकमा दिया, जिससे कोई चेतावनी उत्पन्न नहीं हुई। हैरानी की बात यह रही कि इस पूरे फर्जीवाड़े को न तो किसी सहकर्मी ने और न ही किसी सुपरवाइजरी अधिकारी ने समय रहते पकड़ा।
क्रिप्टो और ट्रेडिंग में लगाया सरकारी पैसा
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि अवैध रूप से निकाली गई राशि को आरोपी ने क्रिप्टो करेंसी, ऑप्शंस और कमोडिटी ट्रेडिंग में निवेश किया। इसके लिए उसने धन ऐप और डेल्टा एक्सचेंज जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया। इससे न सिर्फ सरकारी धन का गबन हुआ, बल्कि बैंक की साख को भी गंभीर नुकसान पहुंचा।
सर्च ऑपरेशन और आगे की कार्रवाई
ACB की टीम ने आरोपी के निवास पर विधिवत सर्च ऑपरेशन चलाकर महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए हैं। पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।
एसीबी ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और पूछताछ के बाद आगे और गिरफ्तारियां संभव हैं।
निगरानी तंत्र पर सवाल
ACB का कहना है कि यह मामला बैंकिंग प्रणाली में अंतरिम निगरानी की कमजोरी, सहकर्मियों की ड्यू डिलिजेंस में कमी और संवेदनशील खातों के दुरुपयोग को उजागर करता है। जांच पूरी होने के बाद इस घोटाले से जुड़े और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।



