
रायपुर(छत्तीसगढ़ उजाला)-कांग्रेस शासनकाल में हुए बहुचर्चित डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड) घोटाले में एसीबी/ईओडब्ल्यू ने आज तड़के प्रदेशभर में बड़ी कार्रवाई शुरू की। सूत्रों के अनुसार कुल 12 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे जा रहे हैं। इनमें रायपुर में 5, दुर्ग में 2, राजनांदगांव में 4 और कुरूद में 1 स्थान शामिल है। बताया जा रहा है कि इन ठिकानों में अधिकतर शासकीय सप्लायर और कारोबारी शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, राजनांदगांव के नाहटा, भंसाली और अग्रवाल नाम के कारोबारियों के घर और प्रतिष्ठानों पर भी छापे जारी हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ईडी की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने धारा 120-बी और 420 के तहत मामला दर्ज किया है। जांच में यह सामने आया है कि कोरबा के डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड से जारी टेंडरों में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितताएं हुईं।
आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में शामिल कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलीभगत कर अवैध लाभ कमाया। ईडी की रिपोर्ट में जिन नामों का उल्लेख है, उनमें संजय शिंदे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, ऋषभ सोनी, तथा बिचौलियों मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर के नाम शामिल हैं।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, यह छापेमारी डीएमएफ फंड में हुए करोड़ों के गबन और फर्जी टेंडर आवंटन की जांच से जुड़ी हुई है। कार्रवाई जारी है और ईओडब्ल्यू जल्द ही मामले में आगे की बड़ी गिरफ्तारी कर सकती है।




