
रायपुर(छत्तीसगढ़ उजाला)-छत्तीसगढ़ के राज्य स्थापना दिवस पर इस वर्ष प्रदेशभर में अभूतपूर्व उत्साह और सांस्कृतिक भव्यता के साथ राज्योत्सव कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। राज्य शासन ने सभी जिला मुख्यालयों में आयोजित होने वाले राज्योत्सव कार्यक्रमों के लिए मुख्य अतिथियों की सूची जारी कर दी है। प्रत्येक जिले में मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जो स्थानीय जनता के साथ इस गौरवशाली अवसर का उत्सव मनाएंगे।
राज्य शासन द्वारा घोषित कार्यक्रम अनुसार —
राजनांदगांव में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह,
सरगुजा में कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम,
बिलासपुर में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू,
बस्तर में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव,
और दुर्ग में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
इसी प्रकार —
गरियाबंद में मंत्री दयालदास बघेल, दंतेवाड़ा में केदार कश्यप, कोरबा में लखनलाल देवांगन, जशपुर में श्याम बिहारी जायसवाल, तथा रायगढ़ में मंत्री ओ.पी. चौधरी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।
इसके अतिरिक्त —
सूरजपुर में मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, जांजगीर-चांपा में टंकराम वर्मा, बालोद में गजेन्द्र यादव, कोरिया में राजेश अग्रवाल, और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में मंत्री गुरू खुशवंत साहेब मुख्य अतिथि होंगे।
सांसदों को भी कई जिलों में मुख्य अतिथि की जिम्मेदारी सौंपी गई है —
बलौदाबाजार-भाटापारा में सांसद बृजमोहन अग्रवाल, बेमेतरा में विजय बघेल, कबीरधाम में संतोष पाण्डेय, बलरामपुर-रामानुजगंज में चिंतामणी महाराज, महासमुंद में रूपकुमारी चौधरी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में राधेश्याम राठिया, सक्ती में कमलेश जांगड़े, बीजापुर में महेश कश्यप, कांकेर में भोजराज नाग, तथा खैरागढ़-गंडई-छुईखदान में सांसद देवेन्द्र प्रताप सिंह मुख्य अतिथि रहेंगे।
विधायकों को भी कुछ जिलों में आमंत्रित किया गया है —
मुंगेली में विधायक पुन्नूलाल मोहले, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में धरमलाल कौशिक, धमतरी में अजय चन्द्राकर, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में रेणुका सिंह, कोण्डागांव में लता उसेंडी, नारायणपुर में विक्रम उसेंडी, और सुकमा में विधायक किरण देव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सभी जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकनृत्य, हस्तशिल्प प्रदर्शनी, स्थानीय उत्पादों की झांकी, तथा विकासपरक योजनाओं से जुड़े स्टॉल लगाए जाएंगे। शासन ने निर्देश दिए हैं कि इन आयोजनों को जनभागीदारी, लोक संस्कृति और प्रदेश के पारंपरिक गौरव के अनुरूप भव्य और गरिमामय बनाया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, एकता और प्रगति का संदेश राज्य के कोने-कोने तक पहुंचे।
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