गौरेला पेंड्रा मरवाही

“पेंड्रा कलेक्टर ऑफिस में अशोक चिह्न से छेड़खानी , सम्मान पर उठे सवाल


जी. पी. एम.:- जिले के कलेक्टर कार्यालय परिसर में लगे लोकार्पण शिला-पट्ट से राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न को हाथों से उखाड़े जाने की घटना सामने आई है। इस मामले ने प्रशासनिक गलियारों के साथ ही स्थानीय नागरिकों में भी गंभीर आक्रोश पैदा कर दिया है। हाल ही में कश्मीर में अशोक चिह्न के अपमान की घटना ने सुर्खियाँ बटोरी थीं और अब पेंड्रा जैसे शांत जिले में राष्ट्रीय प्रतीक के प्रति लापरवाही और असम्मान ने लोगों को झकझोर दिया है।
जानकारी के अनुसार, कलेक्टर कार्यालय परिसर में विभिन्न भवनों और संरचनाओं के लोकार्पण के समय लगाए गए शिला-पट्टों पर अशोक चिह्न अंकित था।  इनमें से एक शिला-पट्ट से अशोक चिह्न को जबरन उखाड़ दिया। सुबह जब कर्मचारी कार्यालय पहुँचे तो बोर्ड की स्थिति देखकर हैरान रह गए। तुरंत इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई।

इधर, जिले के बुद्धिजीवियों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि अशोक चिह्न भारत की अस्मिता और संवैधानिक मूल्यों का प्रतीक है। इसका अपमान केवल पेंड्रा की नहीं बल्कि पूरे देश की गरिमा को ठेस पहुँचा सकता है। लोगों ने प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने और दोषियों को जल्द पकड़ने की माँग की है।
कुछ लोग इसे प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा मान रहे हैं। उनका कहना है कि सरकारी परिसरों की सुरक्षा में इस तरह की घटनाएँ होना कहीं न कहीं एक बड़ी चूक है। वहीं कुछ ने इसे सुनियोजित शरारत करार दिया है।

इस घटना ने जिले में राष्ट्रीय प्रतीक की सुरक्षा और सम्मान को लेकर नई बहस छेड़ दी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन कितनी तेजी से आरोपियों को पकड़कर सख्त संदेश देने में सफल होता है।

प्रशांत गौतम

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