मुंगेली

*करोड़ो की ज़मीन घोटाले का पर्दाफाश, अश्वनी कुमार नेताम पर लगा कूटरचित दस्तावेज से भूमि पंजीयन कराकर प्लाटिंग करके बेचने का आरोप में हुई शिकायत*

छत्तीसगढ़ उजाला

 

मुंगेली (छत्तीसगढ़ उजाला)। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में अश्वनी कुमार नेताम नामक व्यक्ति पर बड़े भूमि घोटाले का आरोप लगा है। जारी क़ानूनी नोटिस में खुलासा हुआ है कि नेताम ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे आदिवासी भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया और करोडों की अवैध कमाई की। इस घोटाले में उसके सहयोगी सोनकर और अन्य अधिकारियों की संलिप्तता भी उजागर हुई है।

कैसे हुआ ज़मीन घोटाला?

पीड़ित परसमणि साहू पिता नान्हे साहू के अनुसार, उनकी 1 एकड़ 10 डिसमिल भूमि, जो रामगढ़ गांव में स्थित है और खसरा नंबर 10/3 के अंतर्गत आती है, को फर्जी दस्तावेज़ों और गलत तरीके से नामांतरण कर अश्वनी कुमार नेताम ने अपने नाम करवा लिया। यह भूमि 1975 से उनके पिता के नाम पर दर्ज थी और इसके हस्तांतरण के लिए कलेक्टर की विशेष अनुमति आवश्यक थी, जिसे पूरी तरह से दरकिनार किया गया।

न्याय के लिए संघर्ष, लेकिन प्रशासन मौन !

पीड़ित ने 2021 में न्याय की गुहार लगाई, लेकिन जब उन्होंने एक वकील को नियुक्त किया, तो नेताम और उसके सहयोगी सोनकर ने कथित रूप से वकील को रिश्वत देकर मामले को दबा दिया। यह कार्य एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 35 के तहत पेशेवर कदाचार में आता है।

फर्जीवाड़े में शामिल कई गंभीर अपराध

इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत अपराध दर्ज हो सकते हैं:-

1. धोखाधड़ी (धारा 420) 7 साल तक की सजा

2. महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जालसाजी (धारा 467) आजीवन कारावास या 10 साल की सजा

3. जालसाजी से धोखा (धारा 468) 7 साल की सजा

4. फर्जी दस्तावेज़ों का उपयोग (धारा 471) उतनी ही सजा जितनी जालसाजी की सजा

5. आपराधिक साजिश (धारा 120B) मुख्य अपराध के बराबर सजा

6. आपराधिक विश्वासघात (धारा 406) 3 साल की सजा

काले धन और भ्रष्टाचार का मामला भी जुड़ा

इसके अलावा, यह घोटाला कई अन्य कानूनों का उल्लंघन करता है:

-बेनामी लेनदेन (प्रतिषेध) अधिनियम, 1988 7 साल तक की सजा और संपत्ति जब्ती

– मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम, 2002 3 से 7 साल तक की सजा और भारी जुर्माना

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 3 से 10 साल तक की सजा

लोगों की ज़मीन पर अवैध कब्जे का बड़ा नेटवर्क !

शिकायतकर्ता के अनुसार, नेताम और सोनकर सिर्फ एक ही व्यक्ति की ज़मीन नहीं हड़प रहे, बल्कि मुंगेली जिले में कई लोगों की ज़मीनों को अवैध रूप से हड़पने में लिप्त हैं। 18 अप्रैल 2022 को एक अन्य व्यक्ति साहोरिक राम ध्रुव ने भी बिलासपुर संभाग के आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि नेताम और सोनकर ने उनकी ज़मीन का भी अवैध रूप से नामांतरण करा लिया और टुकड़ों में बेच दिया।

प्रशासन को दी गई चेतावनी, हाईकोर्ट में होगी कड़ी कार्यवाही

पीड़ित पक्ष ने कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, तहसीलदार, राजस्व विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ED) सहित विभिन्न सरकारी एजेंसियों को शिकायतें भेजी हैं।

यदि प्रशासन उचित कार्रवाई नहीं करता, तो पीड़ित छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर पूरे मामले की सीबीआई/ईडी जांच की मांग करेगा।

इसके अलावा आरोपी नेताम, सोनकर और अन्य सहयोगियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज कराए जाएंगे, जिसमें संपत्ति जब्ती, कानूनी दंड और कारावास की संभावनाएं शामिल हैं।

जनता को सतर्क रहने की आवश्यकता:-

यह मामला दिखाता है कि कैसे भू-माफिया और भ्रष्ट अधिकारी मिलकर लोगों की संपत्तियों को अवैध रूप से हड़प रहे हैं। प्रशासन से मांग की जा रही है कि नेताम और सोनकर की अवैध गतिविधियों की तुरंत जांच हो और उन्हें गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए।

(नोट: यह समाचार रिपोर्ट कानूनी नोटिस में उल्लिखित तथ्यों पर आधारित है। संबंधित विभागों द्वारा जांच के बाद ही अंतिम कार्रवाई तय होगी।)

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