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मोदी की गारंटी लागू नहीं होने से नाराज कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया







आंदोलन में शामिल हुए हजारों कर्मचारी अधिकारी

देय तिथि से डीए, एरियर्स सहित कर्मचारियों से विधानसभा चुनाव में किए गए वायदे को पूरा करने की मांग


पेण्ड्रा / विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा मोदी की गारंटी के नाम पर कर्मचारियों से किए गए वायदे के पूरे नहीं होने से नाराज होकर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले 11 सूत्रीय मांगों को लेकर समस्त कर्मचारी अधिकारी 22 अगस्त शुक्रवार को सामूहिक अवकाश लेकर ज्योतिपुर पेण्ड्रारोड में धरना प्रदर्शन किए, जिसमें कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से संबद्ध विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों से हजारों की संख्या में जीपीएम जिले के कर्मचारी अधिकारी शामिल हुए और भाजपा सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन पेण्ड्रारोड के तहसीलदार शेष नारायण जायसवाल को सौंपे।


कर्मचारी नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि भूपेश बघेल सरकार के समय जब कर्मचारी हड़ताल करते थे तो भाजपा के नेता उनके मंच पर आकर कहते थे कि यदि उनके पार्टी की सरकार बनेगी तो वो सभी मागों को पूरा करेंगे। कर्मचारियों का भरोसा जीतने के लिए भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में मोदी की गारंटी के नाम से जारी घोषणापत्र में कर्मचारियों की मागों को शामिल भी किया और 100 दिन में उसे पूरा करने का वायदा भी किया। लेकिन सरकार बने 700 दिन होने के बावजूद एक भी वायदा पूरा नहीं किया, बल्कि केंद्र सरकार के समान देय तिथि से दिए जाने वाले मंहगाई भत्ता के मामले में भी भाजपा सरकार ने कर्मचारियों के साथ धोखा किया है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष है।


कर्मचारी नेताओं ने कहा कि यदि 11 सूत्रीय मांगों को सरकार ने नहीं माना तो आने वाले समय में अनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगे। वहीं यह चेतावनी भी दिया कि जो भी सरकार कर्मचारी विरोधी नीतियां चलाती हैं, उस सरकार का पतन निश्चित है। धरना प्रदर्शन को प्रशासनिक अधिकारी संघ ने भी अपना समर्थन दिया था।

धरना प्रदर्शन का संचालन अजय चौधरी ने किया। कर्मचारियों को संबोधित करने वालों में प्रमुख रूप से कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक डॉ. संजय शर्मा, सह संयोजक सचिन तिवारी, केबी दीक्षित, पेंशनर जिलाध्यक्ष कमाल खान, अक्षय नामदेव, कर्मचारी नेता सत्य नारायण जायसवाल, सहायक शिक्षक फेडरेशन जिलाध्यक्ष दिनेश राठौर, कैशलेश चिकित्सा संघ के प्रदेश संयोजक पीयूष गुप्ता, अरविंद सोनी, प्रकाश रैदास, जीडी पनारिया, वन कर्मचारी जिलाध्यक्ष राज किशोर टंडन, मुकेश निषाद, पर्यवेक्षक संघ जिलाध्यक्ष कविता शर्मा, प्रीतम कोशले, प्रवीण कौशिक, हेमंत कश्यप, बुधराम श्याम, एमपी रौतेल, अभिषेक शर्मा, गजेंद्र रात्रे, गीतेश्वर राठौर, डिप्लोमा इंजीनियर संघ जिलाध्यक्ष अजय सप्रे, संजय सोनी शामिल थे।

धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से डॉ. बीपी सिंह, जनार्दन मंडल, सौरभ जायसवाल, जनभान पैकरा, सुमीत साहू, संजय पैकरा, संजय सोनी, डॉ. एमएस मराबी, यज्ञनारायण शर्मा, लाल बहादुर कौशिक, गणेश गुप्ता, ओम प्रकाश सोनवानी, बलराम मराबी, महेंद्र मिश्रा, बलराम तिवारी, भागीरथी कैवर्त, चंद्र प्रताप सिंह, प्रशांत त्रिपाठी, अवधलाल यादव, देव नारायण सूर्यवंशी, संजय सिंह, अरविंद उर्मालिया, तुलसीदास महिलांगे, सुनील धृतलहरे, बाबूलाल पांडे, राजेश चौधरी, राकेश चौधरी, परसराम चौधरी, विश्वनाथ सोनी, लक्ष्मी शंकर गुप्ता, छोटेलाल बनवासी, कैलाश लदेर, मोनिका जैन, संतोष कश्यप, संजय टाडिया, रामकुमार पटेल, रत्नेश सोनी,
भरतलाल राठौर, तेरसू राम चौधरी, चेतन सिंह राठौर
प्रकाश सिंह पैकरा, जवाहर साय, सहदेव प्रसाद, संजय मरावी, सुनील कौशिक, रामप्रसाद राठौर, मोहन सोनी, परसराम, मोहन विश्वकर्मा, राजेश साहू, देवसिंह सैयाम, मो. इजहार, संतोष नामदेव, वृंदावन कोल, आशीष शर्मा, प्रभात ध्रुव, धरम सिंह मसराम, रवि कुमार उईके, राजेन्द्र भानू, बीर सिंह कंबर, प्रशांत गंगराले, शारदा रोहणी, रमा शर्मा, किरण सिंह, अन्जूबाला सिंह, अनुपमा पाण्डेय, सरोज गौतम, ऊषा कोषले, पुष्पा कोशिक, कुसुम एक्का, ललिता ओट्टी, मालिकराम जोशी,
पुरुषोत्तम घृतलहरे, लक्ष्मन सिंह क्षत्री, सुधांशु गौरहा, रामकृष्ण ध्रुव, प्रहलाद सिंह पेंद्रो, रमेश कुमार श्याम, शिव संतोष भानु, सुतन कुमार, दीप साहु, मोतीराम चौधरी, कमलभान, घनश्याम सिंह ओट्टी, सोमेश्वर प्रसाद, महेन्द्र, उमेश श्याम, एसडी सोनवानी, रूपेश, ललित कुमार, प्रमिला, सत्यम, सुकन्या खरे, मयाराम, जनक कवर, शंकर धुर्वे, रामू बिहारी, लुकेश मरावी, अजीत लहरे, प्रकाश, सुन्दर सिंह, रमेश साहु, चैतन्य धुर्वे, सुकलाल सारथी, सतपाल बैगा, शिवपाल सिंह, भागीलाल केवर्त, राजकुमार झा, विजय प्रताप, आनंद लाल, राजेश नायडू, विश्वनाथ, संजय कुमार, सुनील,
योगेन्द्र प्रताप कंवर, राम सुशील तिवारी, शांति पैकरा, हरिलाल रजक, वेद प्रकाश पाण्डे, विनय कुमार कोशले,
सरोधन पैकरा, दादू सिंह, विश्वनाथ सोनी,
भानसिंह आर्मो, शम्भूसिंह, अमित तंवर, शिवशंकर तिवारी, दीपक श्रीवास्तव, अजय कुमार, दिलीप सिंह, देवनारायण सूर्यवंशी, पूरन सिंह आयाम, पोषण सिंह इत्यादि सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।


सौंपे गए ज्ञापन में 11 सूत्रीय प्रमुख मांग

कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन के 11 सूत्रीय मांगों में प्रमुख रूप से मोदी की गारंटी अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र सरकार के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत दिया जाए। मोदी की गारंटी अनुसार वर्ष 2019 से लंबित डीए एरियर्स की राशि कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित की जाए। प्रदेश के लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवगों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए। प्रदेश में चार स्तरीय पदोन्नत समयमान वेतनमान कमशः 8,16,24,32 वर्ष में दिया जाए। सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को भी त्रिस्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए तथा नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाय। प्रदेश में अन्य भाजपा शासित राज्यों की भांति प्रदेश में कैशलेस सुविधा लागू की जाए। प्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति निःशर्त लागू करने स्थायी आदेश जारी जारी किया जाये। वर्तमान में 10 प्रतिशत सीलिंग समाप्त करते हुए सीधी भर्ती के समस्त पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दिया जाए। मध्यप्रदेश की भांति प्रदेश में अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए। प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए समस्त सेवा लाभ दिया जाय। साथ ही प्रदश के पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाये। प्रदेश के विभिन्न विभागों में सेटअप पुनरीक्षित नहीं होने के कारण अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी को देखते हुए सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जाये और प्रदेश में कार्यरत कार्यभारित, दैनिक वेतन भोगी, अनियमित, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण करते हुए नियमित पदस्थापना में नियुक्त किया जाये।

प्रशांत गौतम

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