बिलासपुर

सिम्स में इलाज न मिल पाने की वजह से ही मोहम्मद शमशाद हुसैन की मौत, कांग्रेसियों ने दोषी डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की रखी मांग

छत्तीसगढ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। सिम्स में इलाज न मिल पाने की वजह से ही मोहम्मद शमशाद हुसैन की मौत हो जाने का आरोप स्वजन न लगाया है। मृतक के बेटे का कहना है कि हार्ट अटैक आने के बाद भी सवा घंटे तक इलाज नहीं मिला, जिसकी वजह से मौत हो गई। मामले में सिम्स प्रबंधन का कहना है कि शमशाद को बचाने की डाक्टरों ने पुरी कोशिश की, ईसीजी भी किया गया और अंत में सीपीआर भी दिया गया है। ऐसे में एक बार फिर सिम्स की लापरवाही को दबाने की कोशिश की जा रही है।

बीते शुक्रवार को तालापारा निवासी मोहम्मद शमशाद हुसैन सीने में दर्द के कारण सिम्स इलाज के लिए पहुंचा था। यहां आपातकालीन में चिकित्सकों ने पर्ची कटाकर ओपीडी में दिखाने की बात कही। पर्ची कटवाने और ओपीडी में डाक्टर के दिखाने के बाद तक इलाज नहीं मिला। ओपीडी के डाक्टर ने ईसीजी कराने के बाद दवा देने की बात कही थी, ऐसे में समय बर्बाद हुआ और अंत में सवा घंटे बाद उसकी मौत हो गई। लेकिन अब इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। प्रबंधन का कहना है कि मरीज को तुरंत ट्राइएज में मेडिसिन विभाग के डाक्टर द्वारा देखा गया। जब मरीज बेहोश हुआ, तो ईसीजी किया जा रहा था। चिकित्सकों द्वारा आपातकालीन उपचार का पालन किया गया और रोगी को उन्नत कार्डियोपल्मोनरी पुनर्जीवन (सीपीआर) दिया गया, लेकिन डाक्टरों के तमाम प्रयासों के बाद भी मरीज को बचाया नहीं जा सका। यह भी कहना है कि मरीज के पहुंचने के बाद मेडिसिन ओपीडी में पंजीकृत किया गया है और सीने में दर्द के लिए ओपीडी में डाक्टर द्वारा परीक्षण किया गया है और ईसीजी की सलाह दी गई है। मरीज अपने रिश्तेदार के साथ सुबह आवश्यक जांच के लिए औपचारिकताएं पूरी करने के लिए एमआरडी वापस गया। मरीज की तबीयत ठीक नहीं थी और वह काउंटर के पास बैठ गया जब उसके बेटे ने औपचारिकताएं जारी रखीं। मरीज पर कर्मचारियों की नजर पड़ी, जिन्होंने आपातकालीन स्थिति की संभावना को समझा और तुरंत सिम्स के कर्मचारियों और मरीज के रिश्तेदार की मदद से मरीज को व्हीलचेयर में एमआरडी के पास ट्राइएज में स्थानांतरित कर दिया। मरीज को तुरंत ट्राइएज में मेडिसिन विभाग के डाक्टर द्वारा देखा गया। जब मरीज बेहोश हुआ तो ईसीजी किया जा रहा था। वहीं एमएलसी को देखते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में भेजा गया। पोस्टमार्टम आवेदन प्रस्तुत करने के बाद कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस द्वारा शव को पोस्टमार्टम के लिए सौंप दिया गया। इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की गई है। साफ है कि इस मामले को भी दबाने की कोशिश की जा रही है।

ब्लाक कांग्रेस कमेटी एक के पदाधिकारियों ने शनिवार को इस मामले में सिम्स के एमएस डा़ एसके नायक को ज्ञापन सौपकर दोषी डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ब्लाक कांग्रेस कमेटी एक के अध्यक्ष जावेद मेमन के नेतृत्व में सभापति शेख नजीरुद्दीन, उपाध्यक्ष राकेश शर्मा, प्रवक्ता ऋषि पांडेय, महामंत्री समीर अहमद, ब्लाक अध्यक्ष विनोद साहू ने ज्ञापन सौंपकर प्रमुख मांगो को रखा। इनका कहना था कि मोहम्मद शमशाद हुसैन ने अपनी तकलीफ ड्यूटीरत डाक्टर को बताया पर डाक्टर ने इलाज करने के बजाय पर्ची बनाने के लिए भेज दिया। जबकि मोहम्मद शमशाद को अटैक आया था, डाक्टर मरीज की बातों को सुनते ,गम्भीर होते तो शायद मोहम्मद शमशाद हुसैन की जान बच सकती थी। लगातार यह बात भी सामने आते है कि मरीजों के साथ दुर्व्यवहार होता है, स्वजनों के साथ छेड़खानी जैसी घटनाएं हो रही। ऐसे दोषी लोगों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।

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