बिलासपुर

बलराज पेट्रोल पंप वाली जमीन को लेकर विवाद के बीच व्यवसायी की पिटाई के मामले में फरार आरोपित गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। सत्यम चौक स्थित बलराज पेट्रोल पंप वाली जमीन को लेकर चल रहे विवाद के बीच व्यवसायी की पिटाई के मामले में पुलिस ने फरार चल रहे आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित को न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया है।
सिविल लाइन क्षेत्र के विकास नगर में रहने वाले राम खेड़िया व्यवसायी व जमीन कारोबारी हैं। उन्होंने सिविल लाइन थाने में मारपीट की शिकायत की है। व्यवसायी ने पुलिस के बताया कि सत्यम चौक के पास स्थित बलराज पेट्रोल पंप वाली जमीन को उन्होंने खरीद लिया है। गुरुवार 16 मई को वे श्रमिक लगाकर जमीन पर बाउंड्री करा रहे थे। इसी दौरान वहां पर मोहम्मद तारिक वहां पहुंच गया। उसने उन्हें चोर होने की बात कहते हुए व्यवसायी से बहस करना शुरू कर दिया, साथ ही श्रमिकों को वहां से भगाने लगा। व्यवसायी ने इसका विरोध किया। इस पर तारिक ने व्यवसायी से मारपीट की। मारपीट के बीच व्यवसायी को जमीन पर गिराकर पिटाई की गई। मारपीट से बचने के लिए व्यवसायी वहां से भागने लगे। इस पर आरोपित ने सब्बल और फावड़ा लेकर उन्हें मारने के लिए दौड़ाया। मारपीट से बचकर भागे व्यवसायी ने घटना की शिकायत सिविल लाइन थाने में की। इस पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धारा 294, 323, 34, 506 के तहत केस दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी। जांच के बाद पुलिस ने मामले में धारा 326 जोड़कर कार्रवाई की है। इस बीच आरोपित अपने ठिकाने से फरार हो गया। मंगलवार को पुलिस ने आरोपित को उसके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित को न्यायालय में पेश किया गया है। न्यायालय के आदेश पर आरोपित को जेल भेजा गया है।
कुछ साल पहले लिंक रोड निवासी देवीदास वाधवानी (65) जो कि प्रापर्टी डीलर हैं और उस समय बलराज पेट्रोल पंप का संचालन करते थे। उन्होंने पुलिस के पास शिकायत की थी। जिसके मुताबिक, पेट्रोल पंप के पूर्व संचालक ग्रीन पार्क कालोनी निवासी मो. तारिक उनके पेट्रोल पंप के खिलाफ लगातार शिकायत कर रहा है। इसी बात को लेकर उन्होंने व अन्य व्यवसायियों ने उसे समझाने की कोशिश की, इस पर वह एक करोड़ की मांग करने लगा, पैसे नहीं देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहा था। इससे परेशान होकर उन्होंने उसे सात लाख रुपये भी दे दिए, इसके बाद भी वह लगातार फोन करके धमका रहा था। पुलिस ने इस शिकायत पर मो. तारिक के खिलाफ धारा 384 के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था।
आरोपित मो. तारिक के खिलाफ पहले भी कई केस दर्ज हैं। उसके खिलाफ 2005 में चोरी का मामला दर्ज हुआ। इसके साथ ही आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म, मारपीट के मामले भी दर्ज हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए दो साल पहले पुलिस ने उसका नाम गुंडा सूची में दर्ज किया है। प्रार्थी के मुताबिक पेट्रोल पंप पर मालिकाना हक जताने के लिए दोबारा से मो. तारिक की ओर से तरह-तरह के हथकंडे अपनाता रहा।

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