पोटाकेबिन छात्रा की मौत का मामला : कांग्रेस जांच दल का आरोप—इलाज में लापरवाही से गई जान, अधीक्षिका पर कार्यवाही की मांग

(छत्तीसगढ़ उजाला)-बीजापुर जिले के उसूर विकासखंड अंतर्गत संचालित पोटाकेबिन आवापल्ली में अध्ययनरत कक्षा छठवीं की छात्रा मनीषा सेमला की संदिग्ध मौत का मामला अब गंभीर रूप लेता जा रहा है। इस प्रकरण की जांच के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित जांच दल ने घटनास्थल का निरीक्षण कर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और पूरे मामले की गहन पड़ताल की।
जांच दल के संयोजक एवं पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम के नेतृत्व में दल ने सर्वप्रथम पोटाकेबिन आवापल्ली पहुंचकर मृतका की सहपाठी छात्राओं तथा संस्था के शिक्षकों से घटना से जुड़े तथ्यों की जानकारी ली। इसके पश्चात जांच दल मृत छात्रा के गृहग्राम गुंडम पहुंचा, जहां परिजनों से बातचीत कर उनकी पीड़ा और गंभीर आरोपों को सुना।
परिजनों ने अधीक्षिका पर लगाया गंभीर आरोप
मृत छात्रा के परिजनों ने जांच दल को बताया कि मनीषा की मौत पोटाकेबिन की अधीक्षिका कमला ककेम की घोर लापरवाही का परिणाम है। परिजनों का आरोप है कि मनीषा की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी, जिसकी जानकारी संस्था प्रशासन को दी गई थी, लेकिन समय रहते उचित चिकित्सा व्यवस्था नहीं की गई। यदि समय पर इलाज कराया जाता, तो संभवतः मनीषा की जान बचाई जा सकती थी।
जांच दल का प्रारंभिक निष्कर्ष: लापरवाही से हुई मौत
छात्राओं, शिक्षकों एवं परिजनों से प्राप्त तथ्यों के आधार पर जांच दल ने अपने प्रारंभिक निष्कर्ष में माना कि यह मामला स्पष्ट रूप से प्रशासनिक लापरवाही का है। जांच दल ने जिला प्रशासन से मांग की है कि दोषी अधीक्षिका के विरुद्ध तत्काल और कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार
मृत छात्रा के परिजनों ने जांच दल के माध्यम से जिला प्रशासन से न्याय की मांग करते हुए कहा कि दोषियों को सख्त सजा दी जाए, जिससे अन्य बच्चों की जान के साथ लापरवाही और खिलवाड़ न हो।
जांच दल में संयोजक कमलेश कारम के अलावा सोनू पोटाम, मनोज अवलम, सरस्वती वासम, अनिता तेलम, राजेश वासम, बोधि ताती, लक्ष्मलु पाबा, मुन्ना कुरसम, शंकर खटबीना, विनोद तालुकदार, गणपत वासम सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।




