कुड़कई पंचायत में भ्रष्टाचार और धमकियों का बोलबाला, सचिव संतराम पर गंभीर आरोप

जी.पी. एम.(छत्तीसगढ़ उजाला)-कुड़कई ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोपों ने तूल पकड़ लिया है। ग्रामीणों ने पंचायत सचिव संतराम पर आरोप लगाया है कि वे पंचायत के कामकाज को अपने और अपने चहेते ठेकेदारों के अधीन कर चुके हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक, संतराम अपने चुने हुए ठेकेदारों को ही काम देते हैं। ये ठेकेदार अक्सर घटिया गुणवत्ता का काम करके मनमाने बिल तैयार कर देते हैं और बाद में सचिव से कमीशन देकर मामले को रफा-दफा करा लेते हैं। शिकायतें बार-बार होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
आरोप है कि सचिव संतराम के समर्थक और गुर्गे खुलेआम ग्रामीणों को धमका कर शिकायत करने से रोकते हैं। कई ग्रामीण बताते हैं कि गुर्गे कहते हैं — “क्या कर लोगे, किसी भी केस में फंसा देंगे।” वहीं, संतराम के हवाले से भी यह ताने दिये जाने का आरोप है कि उनके पास “आदिवासी भी हैं” और अधिक विरोध करने पर वह संबंधित धाराओं या एक्ट का हवाला देकर परेशान कर देंगे। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की धमकियों से लोग अपनी आवाज दबा रहे हैं।
स्थानीयों ने यह भी आरोप लगाया है कि कुड़कई सरपंच निष्क्रिय हैं और उनकी संवेदनहीनता का पूरा लाभ सचिव तथा उनके चहेते उठा रहे हैं। पंचायत की अधिकांश गतिविधियाँ सचिव के इशारों पर हो रही हैं, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही पूरी तरह लुप्त हो गई है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि सचिव संतराम के खिलाफ तत्काल जांच कर उन्हें पंचायत से हटाया जाए एवं न केवल सचिव बल्कि निष्क्रिय सरपंच के खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि न्याय और तत्काल कार्रवाई न हुई तो वे और विस्तृत प्रदर्शन कर अपना पुख्ता विरोध दर्ज कराएँगे।




