गौरेला पेंड्रा मरवाही

नवरात्रि उत्सव की रौनक: कालरात्रि ग्रुप ने अपनी धमाकेदार प्रस्तुति से बनाया रिकॉर्ड


जी. पी. एम. (छत्तीशगढ़ उजाला)-नवरात्रि के पावन पर्व पर पूरे प्रदेश में देवी भक्ति और उल्लास का माहौल देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में हाई स्कूल पेंड्रा में तीन दिवसीय गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया।गरबा की थाप पर उमंग और आस्था का ऐसा संगम देखने को मिला, जिसने पूरे नगर का वातावरण भक्तिमय बना दिया।


शुभारंभ : माँ दुर्गा के जयघोष से गूँजा शहर

महोत्सव का आरंभ पहले दिन प्रातः विधिवत पूजा-अर्चना और दीप प्रज्वलन से हुआ।

“नवरात्रि शक्ति, श्रद्धा और सद्भाव का पर्व है। इस आयोजन से बच्चों को हमारी संस्कृति और परंपरा से जोड़ने का प्रयास हो रहा है।”
माँ दुर्गा की आरती और जयघोष ने वातावरण को ऊर्जा और भक्ति से भर दिया।

तीन दिनों का विशेष थीम

आयोजन को तीन अलग-अलग थीम पर सजाया गया—

पहला दिन – पारंपरिक गरबा : भक्ति गीतों पर पारंपरिक गरबा प्रस्तुत हुआ। “जय अंबे गौरी” की गूंज से माहौल भक्तिमय बन गया।

दूसरा दिन – आधुनिक फ्यूजन : पारंपरिक नृत्य और आधुनिक संगीत का संगम प्रस्तुत किया गया। तालमेल और उत्साह ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

तीसरा दिन – सांस्कृतिक विविधता : बच्चों और महिलाओ ने गुजराती गरबा और राजस्थानी घूमर जैसी लोकशैली प्रस्तुत कीं। विविधता भरी प्रस्तुतियों ने राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया।

कालरात्रि ग्रुप ने लगातार दूसरी बार जीता प्रथम स्थान

पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कालरात्रि ग्रुप ने शानदार प्रस्तुति देकर प्रथम स्थान हासिल किया। माया धुर्वे, किट्टू, साक्षी, पम्मी, सगुन और शालिनी की टीम ने गरबा की लय और ताल पर ऐसा प्रदर्शन किया कि निर्णायकों ने उन्हें लगातार दूसरी बार विजेता घोषित किया। दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट ने उनके प्रदर्शन को और भी यादगार बना दिया।

प्रतिभागियों का सम्मान

सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र और स्मृति-चिह्न प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया। अतिथियों ने अपने संबोधन में कहा –
“बच्चों की प्रस्तुतियां यह साबित करती हैं कि पेंड्रा न केवल शिक्षा में बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियों में भी अग्रणी है।”


भव्य समापन : आरती और प्रसाद वितरण

महोत्सव का समापन देवी माँ की महाआरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। सैकड़ों दीपों से सजा प्रांगण अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रहा था। आरती के समय पूरा परिसर भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा से गूंज उठा। अंत में सभी ने माँ दुर्गा से सुख, समृद्धि और शांति की कामना की।


नई पीढ़ी और संस्कृति का जुड़ाव

इस आयोजन ने सिद्ध किया कि संस्कृति केवल पुस्तकों में नहीं, बल्कि उसे जीने और अनुभव करने में ही उसका वास्तविक महत्व है। हाई स्कूल पेंड्रा के विद्यार्थियों ने गरबा के माध्यम से नवरात्रि का उत्सव मनाकर आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया।

प्रशांत गौतम

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