जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल – आखिर किन हालात में हुआ करोड़ों का ट्रांसफर?

साहू ट्रेडर्स और जय महाकाल ट्रेडर्स पर छाया संदेह – पंचायत फंड में गड़बड़ी के आरोप
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। जनपद पंचायत गौरेला क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों में 15वें वित्त आयोग की राशि में करोड़ों के गबन का मामला सामने आया है। सरपंच संघ अध्यक्ष तूफान सिंह धुर्वे सहित कई जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर यह आरोप लगाया है कि पंचायत चुनाव 2025 के बाद निर्वाचित सरपंचों को विश्वास में लिए बिना और बिना ग्रामसभा की अनुमति लिए ही, संदिग्ध निजी फर्मों के खातों में भारी-भरकम भुगतान कर दिया गया।
बिना बैठक, बिना मंजूरी – सीधे भुगतान
शिकायत में उल्लेख है कि जनपद पंचायत के कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों ने मिलीभगत कर पुराने सरपंचों और सचिवों के नाम पर कागज़ी कार्रवाई दिखाते हुए राशि ट्रांसफर कर दी। इस पूरे प्रकरण की जानकारी न तो पंचायत प्रतिनिधियों को दी गई और न ही पंचायत अभिलेखों में सही रिकॉर्ड दर्ज है।
ग्राम पंचायतवार संदिग्ध भुगतान
1. पूटा – 28,00,000.00 (साहू ट्रेडर्स)
2. करगीखुर्द – 25,00,000.00 (साहू ट्रेडर्स)
3. टीकरखुर्द – 35,00,000.00 (साहू ट्रेडर्स)
4. आमगांव – 20,00,000.00 (साहू ट्रेडर्स)
5. गांगपुर – 60,00,000.00 (जय महाकाल ट्रेडर्स)
6. साल्हेघोरी – 70,00,000.00 (साहू ट्रेडर्स)
7. पण्डरीपानी – 22,00,000.00 (साहू ट्रेडर्स)
8. खोड़री – 50,00,000.00 (साहू ट्रेडर्स)
कुल मिलाकर करोड़ों रुपये संदिग्ध तरीके से प्राइवेट फर्मों को बांटे गए।
सरपंच संघ का आरोप – जांच की मांग
सरपंच संघ ने इस पूरे मामले को गंभीर भ्रष्टाचार करार देते हुए कहा कि यह केवल जनपद पंचायत स्तर की गड़बड़ी नहीं है, बल्कि इसमें ऊपरी स्तर तक के अधिकारियों की संलिप्तता है। उन्होंने कलेक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो पंचायत प्रतिनिधि आंदोलन करेंगे।
ग्रामीणों का आक्रोश – प्रशासन कटघरे में
घोटाले की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों में गुस्सा है। उनका कहना है कि विकास कार्यों के लिए आने वाला फंड हड़पना जनता के अधिकारों की सीधी लूट है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि इतनी बड़ी राशि का भुगतान आखिर कैसे संभव हो गया, जबकि निगरानी की जिम्मेदारी जिला पंचायत और प्रशासन दोनों की है।