गौरेला पेंड्रा मरवाही

पशु पंजीयन ठेके में नया खेल: सचिव संतराम की मिलीभगत उजागर, भ्रष्टाचार छुपाने के लिए पैसे का प्रस्ताव — “खबर मत चलाओ, सब जगह यही होता है”



जी.पी.एम. (छत्तीसगढ़ उजाला)– गौरेला-पेंड्रा-मरवाही।
ग्राम पंचायत कुड़कई में भ्रष्टाचार के गहराते जाल ने पंचायत व्यवस्था की साख पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पंचायत के सचिव संतराम यादव पर लगे गंभीर आरोप अब खुलेआम चर्चा का विषय बन गए हैं। नाली, शौचालय और भवन निर्माण में अनियमितताओं के बाद अब पशु पंजीयन ठेका में गड़बड़ी का मामला सामने आया है।

सूत्रों के अनुसार, सचिव ने पहले एक ठेकेदार को पशु पंजीयन का ठेका दिया था, लेकिन उस ठेके से प्राप्त राशि आज तक पंचायत खाते में जमा नहीं हुई। हैरानी की बात यह है कि उसी ठेकेदार के पिता को बकरी बाजार का नया ठेका दे दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों ही ठेकेदारों ने अपनी-अपनी बकाया राशि पंचायत में जमा नहीं की, फिर भी सचिव ने मिलीभगत से ठेका दिया।

शिकायतें और खबरें सामने आने के बाद सचिव संतराम यादव ने अपने ऊपर लगे आरोपों से बचने के लिए ठेकेदार को हटाने का नाटक किया, ताकि अपनी ईमानदारी का दिखावा किया जा सके। लेकिन ग्रामीणों ने इसे भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश बताया।

ग्रामीणों का कहना है —

> “सचिव संतराम पहले बताएँ कि पुराने ठेकेदार की राशि पंचायत खाते में कब आएगी? और जो ठेका उन्होंने उसके पिता को दिया, उसकी बकाया रकम कहां से आएगी?”



अब इस पूरे मामले को दबाने के लिए सचिव संतराम यादव ने नया दांव चला।


सचिव संतराम ने अपने खास व्यक्ति राहुल विश्वकर्मा को भेजा — जिसकी पंचायत में भूमिका पहले से ही संदिग्ध बताई जाती है। ग्रामीणों के अनुसार, वही व्यक्ति पंचायत के अधिकांश कार्यों को अंजाम देता है।

राहुल विश्वकर्मा ने खबर को दबाने की कोशिश करते हुए कहा —

> “खबर मत चलाओ… बताओ कितना पैसा लोगे? मामले को दबाओ… सब जगह यही होता है, सारे पंचायतों में घालमेल है — आप तो जानते ही हो।”

यह कथन साफ तौर पर यह साबित करता है कि सचिव संतराम और उनके सहयोगियों ने भ्रष्टाचार के खुलासे को रोकने के लिए पैसे का लालच देकर दबाव बनाने की कोशिश की।

ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ एक ठेका नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार की संगठित साजिश है, जिसमें सचिव, उनके खास लोग और कुछ विभागीय अधिकारी तक शामिल हैं।

अब ग्रामीणों ने ठान लिया है कि वे मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान इस पूरे प्रकरण की लिखित शिकायत करेंगे और सचिव संतराम यादव एवं राहुल विश्वकर्मा की भूमिका की उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे।

> “जब भ्रष्टाचार छुपाने के लिए पैसा ऑफर किया जाए, तो समझिए सच्चाई कितनी गहरी है।”

प्रशांत गौतम

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