ग्रीन क्रेडिट योजना में बड़ा खेल! पौधों की सुरक्षा के नाम पर ‘जुगाड़’ से करोड़ों की योजना पर चोट

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ग्रीन क्रेडिट योजना का मरवाही वन मंडल में हाल बुरा है। करोड़ों रुपये खर्च कर पौधारोपण तो कर दिया गया, लेकिन सुरक्षा के नाम पर वन विभाग के कर्मचारियों ने ऐसा ‘जुगाड़’ कर दिया जिसने योजना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पेंड्रा रेंज के लाटा जोड़ा-तालाब क्षेत्र में करीब 16,000 पौधे लगाए गए। नियम के मुताबिक इन पौधों को बचाने के लिए मजबूत जाली और सीमेंट पोल लगाए जाने थे। मगर, हकीकत यह है कि कई जगह सीमेंट पोल के साथ लकड़ी की बल्लियां ठोंक दी गईं और उन पर सिर्फ तार कसकर औपचारिकता पूरी कर दी गई।
लकड़ी की ये बल्लियां कुछ ही महीनों में गलकर बेकार हो जाएंगी, जिससे पौधे जानवरों और खराब मौसम की मार झेलने को मजबूर होंगे। यह लापरवाही न केवल पौधों की सुरक्षा पर खतरा है, बल्कि करोड़ों रुपये के सरकारी फंड के दुरुपयोग की ओर भी इशारा करती है।
पेंड्रा रेंजर से इस संबंध में संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। वहीं, यह भी याद दिलाना जरूरी है कि हाल ही में इसी योजना में गड़बड़ी के चलते खोडरी रेंजर और एक वनरक्षक निलंबित हो चुके हैं।
लगातार सामने आ रही ऐसी घटनाएं इस महत्वाकांक्षी परियोजना में गहरे स्तर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही की बू देती हैं। अब बड़ा सवाल यह है—क्या वन विभाग दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगा या फिर यह मामला भी ‘फाइलों’ में दब जाएगा?

