*UPSC : छत्तीसगढ़ कैडर के 16% IAS और 20% IFS अधिकारी भ्रष्ट, देश भर में इनके कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल….* *सुशासन की सरकार क्या इन नौकरशाहों पर करेगी कार्रवाही…..*

*रायपुर @ छत्तीसगढ़ उजाला*
छत्तीसगढ़ में जिस तरह से भ्रष्टाचार के मामले में ED, CBI, EOW जैसी केंद्रीय और राज्य की एजेसियां कार्रवाई कर रही है। देश भर में भारतीय प्रशासनिक सेवा छत्तीसगढ़ कैडर अधिकारी और उनकी कार्य प्रणाली चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में भ्रष्टाचार को लेकर लगातार कार्रवाई के बाद भी इनको कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.हाल ही में सरकार की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है।छत्तीसगढ़ में नौकरशाहों की मनमानी का मामला अक्सर चर्चाओं में बना रहता हैं.ऐसा लगता है की छत्तीसगढ़ में इन नौकरशाहों को विशेष छूट मिली हुई है.भ्रष्टाचार के मामले पर इनकी जाँच वर्षो तक चलती ही रहती है.अंततः इनकी नौकरी का पूरा समय काल भी निकल जाता है पर इनके खिलाफ आई शिकायतों का निराकरण कभी नहीं होता.प्रदेश के एक नौकरशाह का अजीबोग़रीब मामला सामने आया था जिसमे इस नौकरशाह ने अपने गृहग्राम के लोगो के बैंक अकाउंट में करोड़ो रूपये जमा करवा दिए थे.इनके खिलाफ मामला कभी कभार बन भी जाए पर इनके पास बचने के बहुत से गुणाभाग भी रहते है.काली कमाई करने वाले नौकरशाहों पर सरकार सरकार भी अपना मुँह बंद करके बैठी रहती है.सुशासन के मूलमंत्र को पलीता लगाते अफ़सरान पर सरकार कब अपनी वक्रदृष्टि डालेगी यह देखना बाकी ही हैं.
रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ कार्यरत 172 में से 16% IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा ) और 118 में से 20% IFS (भारतीय वन सेवा) के अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इसमें IAS अधिकारियों पर 11 अपराध और 31 शिकायतें दर्ज है। तो IFS अधिकारियों पर 31 से ज्यादा शिकायतें पंजीबद्ध की जा चुकी है। जेल में बंद IAS अधिकारियों की बात करें तो रानू साहू, कोल और डीएमएफ फंड घोटाला, समीर बिश्नोई कोल लेवी घोटाला में, अनिल टुटेजा शराब घोटाला में जेल में तो टामन सिंह सोनवानी CGPSC घोटाले में जेल में बंद हैं। इसके अलावा प्रशानिक सेवा की सौम्या चौरसिया, बीएसएनएल से प्रतिनियुक्ति में आये एपी त्रिपाठी जैसे अधिकारी भी जेल में हैं।वैसे सुप्रीम कोर्ट से एपी त्रिपाठी को जमानत भी दे दी गयी हैं.
हाल ही में CBI ने महादेव एप मामले IPS अधिकारी आनंद छाबड़ा आईजी, आरिफ शेख आईजी, प्रशांत अग्रवाल, एसएसपी, अभिषेक पल्लव एसपी के यहां छापा मारा।इसके अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के अभिषेक महेश्वरी एएसपी, संजय ध्रुव एएसपी के यहां छापा पड़ा था!इनके ऊपर भी बड़ा आरोप लगा था की इनके द्वारा सट्टे के कारोबारी से अवैध पैसे लिए जाते थे.इधर मेडिकल रिजेंट, दवा खरीदी घोटाले में IAS पद्मिनी भोई, चंद्रकांत वर्मा, भीम सिंह से पूछताछ हुई है।इस मामले में राज्य की EOW/ACB जाँच कर रही है .इस मामले में सप्लायर शशांक चोपड़ा जेल में बंद है साथ ही इसी मामले में CGMSC के डिप्टी डायरेक्टर समेत 5 अधिकारी जेल में हैं।चर्चा यह भी थी की बहुत जल्द इसमें आईएएस अफसरों की गिरफ़्तारी हो सकती है पर अब ऐसा लगने लगा है की यह मामला भी कई मामलो की तरह ठन्डे बस्ते में डाल दिया जायेगा.स्वास्थ्य विभाग के इस खेल में और भी नौकरशाह शामिल थे जिनकी चर्चा अब गायब कर दी गयी है.पूर्व की भूपेश सरकार में जो अफसरों ने स्वास्थ्य विभाग में अरबो का खेल किया उन पर सरकार भी मेहरबान है.सुशासन की सरकार में वो नौकरशाह आज भी मलाईदार विभागों में विराजित हैं.एक नौकरशाह तो दिल्ली में पॉवरफुल मंत्री के पास पदस्थ हो गए हैं.अब उन पर तो कोई कार्रवाही वैसे भी नहीं हो पायेगी वही एक अधिकारी स्वास्थ्य विभाग में फिर से धमक चुकी हैं.
आई ए एस, आई एफ एस और आई पी एस जैसे भारतीय प्रशानिक सेवा के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच छत्तीसगढ़ कैडर के रिटायर्ड वरिष्ठ IAS अधिकारी सुशील त्रिवेदी ने का मानना है कि भ्रष्टाचार में प्रशानिक अधिकारियों की संलिप्तता सामने आना निराशा जनक है। कई लोग अति महत्वकांक्षा, राजनीतिक मोह इसका कारण है।पॉवर और बहुत पैसो की चाह, अधिकारों का प्रदर्शन और दुरुपयोग करते नजर आते हैं। काम में अड़ंगा लगाते हैं। पहले अधिकारी किसी काम को बेहतर करने को लेकर मेहनत करते थे। समाज को बदलने का सकरात्मक नजरिया था। अब इसमें कमी आई है, करप्शन हावी हो रहा है। जो समाज व देश के लिए सही नहीं है।
कहा जा रहा है, आने वाले समय में भ्रष्टाचार के मामले में और भी भारतीय प्रशानिक सेवा के अधिकारियों की गिरफ्तारी हो सकती है। ऐसे में सरकार भ्रष्टाचार पर नकेल कसने जिस तरह से कार्रवाईयां की जा रही है, उससे एक बात तो साफ है कि छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार पर जीरो टोरलेंस की नीति को लेकर सरकार सख्त है।इसको लेकर कल ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान भी आया था लेकिन प्रदेश में सुशासन को स्थापित करना किसी चुनौती से कम नहीं है।अब इन भ्रष्ट नौकरशाहो पर साय सरकार कब अपनी तिरछी नजर डालेगी यह देखना बाकि है.
*आईएफएस अफसरों के भ्रष्टाचार की जांच*
केके खेलवार, गोवर्धन, एस वेंकटाचलम, आरके जांगड़े, आलोक तिवारी, उत्तम कुमार गुप्ता, अरुण पांडेय, पंकज राजपूत, एसके पैकरा, रमेश चंद्र दुग्गा, गुरुनाथन एन, समा फारुखी, चूरामिण सिंह, लक्ष्मण सिंह, विवेकानंद झा, जनकराम नायक, राकेश चतुर्वेदी, दिलेश्वर साहू, शशि कुमार, आलोक कटियार, कुमार निशांत शामिल हैं।
*आईएएस अफसरों के मामले की जांच….*
राजेश कुमार टोप्पो, संजय अलंग, रानू साहू, समीर विश्नोई, डॉ. आलोक शुक्ला, अनिल टुटेजा, विवेक ढांड, निरंजन दास, कुलदीप शर्मा, सुरेंद्र कुमार जायसवाल, गौरव द्विवेदी, नरेंद्र कुमार दुग्गा, अशोक अग्रवाल, पुष्पा साहू, सुधाकर खलखो, राजेश सिंह राणा, डीडी सिंह, एस प्रकाश, अमृत कुमार खलखो, नुपुर राशि पन्ना, किरण कौशल, टी. राधाकृष्णन, संजीव कुमार झा, इफ्फत आरा, भुवनेश यादव, जीवन किशोर ध्रुव, टामन सिंह सोनवानी शामिल हैं।