GeM रोटी मशीन खरीदी मामला : मंत्री के आदेश बेअसर! 7 दिनों में मांगी गई जांच रिपोर्ट 14 हफ्तों से लापता

छत्तीसगढ़ उजाला-बाज़ार में लगभग 20,000 रुपये की कीमत में उपलब्ध रोटी मेकिंग मशीन को ट्राइबल विभाग द्वारा GeM पोर्टल से करीब 8 लाख रुपये में खरीदे जाने का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। महंगी खरीदी को लेकर विभाग पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे। मुद्दा गर्माया तो कृषि एवं आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने 18 सितंबर को आदेश जारी कर प्रमुख सचिव, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग को 7 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि 7 दिन में मांगी गई रिपोर्ट 7 सप्ताह बीत जाने के बाद भी सार्वजनिक नहीं की गई। विभागीय सूत्रों के अनुसार, पिछले माह जांच रिपोर्ट प्रमुख सचिव कार्यालय में जमा हो चुकी है, लेकिन रिपोर्ट में क्या निष्कर्ष निकले—यह अब तक उजागर नहीं किया गया है।
इस संबंध में प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया। विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध आयुक्त सारांश मित्तर के कार्यालय नंबर पर संपर्क किया गया तो नंबर अमान्य बताया गया। वहीं अपर संचालक संजय गौड़ और आर.एस. भोई से भी संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बातचीत संभव नहीं हो सकी।
सवाल तो बनते हैं…
जनता के पैसों से 8 लाख में खरीदी गई रोटी मशीन की जांच रिपोर्ट सामने आने में देरी क्यों?
विभाग जानकारी देने से बच क्यों रहा है?
क्या किसी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है?
क्या इस पूरे मामले में अधिकारियों की संलिप्तता की आशंका है?
दो महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जांच रिपोर्ट का सार्वजनिक न होना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।




