आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरी की जयंती आज : उत्तम स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन

सतना(छत्तीशगढ़ उजाला)-कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रतिवर्ष मनाई जाने वाली धनतेरस इस बार 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को मनाई जा रही है। यह दिन न केवल धन-संपदा के पूजन का पर्व है, बल्कि आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरी की जयंती के रूप में भी श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है।
भगवान धनवंतरी को हिंदू धर्म में देव वैद्य के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान वे अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। उनके चार हाथों में अमृत कलश, औषधि, शंख और चक्र धारण करने का उल्लेख मिलता है। उनके प्राकट्य दिवस को ही धनतेरस के रूप में मनाया जाता है।
आयुर्वेद परंपरा के अनुसार, सर्वप्रथम ब्रह्माजी ने एक लाख श्लोकों वाले आयुर्वेद ग्रंथ की रचना की थी, जिसे अश्विनी कुमारों ने सीखा और इंद्र को सिखाया। इंद्र ने यह विद्या भगवान धनवंतरी को प्रदान की। धनवंतरी ने आगे इस ज्ञान को विश्वामित्र के पुत्र सुश्रुत को दिया, जो विश्व के प्रथम शल्य चिकित्सक माने जाते हैं। उनके मार्गदर्शन में काशी में विश्व का पहला शल्य चिकित्सा विद्यालय स्थापित हुआ, जिसका संचालन श्री दिवोदास ने किया था।
पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन से प्रकट होने के बाद भगवान धनवंतरी ने विष्णु से देवपद मांगा, लेकिन उन्हें यह वर मिला कि द्वापर युग में वे पृथ्वी पर राजकुल में जन्म लेकर आयुर्वेद को पुनः जीवित करेंगे। द्वापर युग में उन्होंने काशी नरेश धन्व के पुत्र के रूप में जन्म लेकर आयुर्वेद के आठ अंगों में विभाजन किया और इस ज्ञान को मानवता के कल्याण हेतु समर्पित किया।
कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला हलाहल विष पिया, तब धनवंतरी ने ही उन्हें अमृत प्रदान किया। उसकी कुछ बूंदें काशी नगरी में गिरीं, जिससे वह अविनाशी और कालजयी बन गई।
इस अवसर पर पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्र ने कहा कि —
> “यदि स्वस्थ देह ही न हो तो माया किस काम की। उत्तम स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। आज के दिन हमें भगवान धनवंतरी की पूजा कर निरोगी जीवन का संकल्प लेना चाहिए।”
उन्होंने बताया कि पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा अब तक देश-विदेश के तीस हजार से अधिक परिवारों को भगवान धनवंतरी का पूजन चित्र भेंट किया गया है, जिससे आयुर्वेद के देवता का घर-घर में प्रतिष्ठापन हो सके।
(डॉ. राकेश मिश्र)
अध्यक्ष — पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास, सतना (म.प्र.)
राष्ट्रीय अध्यक्ष — इंडियन एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन