कोरबा

*नवनिर्मित बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही, बाथरूम का रौशनदान तोड़ कर चार फरार*

छत्तीसगढ़ उजाला

 

कोरबा (छत्तीसगढ़ उजाला)। नए भवन में शिफ्ट होने के बाद ही बाल सुधार गृह से चार बाल आरोपी बाथरूम का रौशनदान तोड़ कर फरार हो गए। सभी किशोर जांजगीर जिले के रहने वाले बताए जाए रहे हैं, जिन्हें चोरी जैसे मामले में पक़ड़ कर बाल सुधार गृह भेजा गया। जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया। कुछ माह पूर्व भी दो बाल अपराधी फरार हो गए थे।

सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही उजागार

नवनिर्मित बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही एक बार फिर उजागर हो गई। यह घटना इसलिए और गंभीर हो जाती है क्योंकि यह नए भवन में शिफ्टिंग के महज दो दिन बाद ही हुई है। इससे पहले बालको में शिफ्ट किए गए भवन में भी शिफ्टिंग की रात ही दो बाल अपराधी फरार हो गए थे। बाल सुधार गृह के अंदर बैठकर टीवी देख रहे बच्चों और जांजगीर के एक किशोर का वीडियो गाने के साथ इंस्टाग्राम में वायरल हुआ था।

इस मामले की प्रारंभिक जांच के बाद महिला कर्मी को जिला बाल संरक्षण इकाई में अटैच कर दिया गया है। इसके बाद भी सुरक्षा व्यवस्था क़ड़ी नहीं की गई और शातिर चार बाल अपराधी भागने में सफल हो गए। मामले की सूचना सीएसईबी पुलिस चौकी को दी गई है। पुलिस का कहना है कि मामला पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है। शीघ्र ही फरार सभी बाल अपराधी को पकड़ लिया जाएगा।

भवन के जीर्णोद्धार चलते हुआ था शिफ्ट

यहां बताना होगा कि बाल सुधार (संप्रेक्षण) गृह का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से किया जाता है। कुछ माह पूर्व ही रिस्दी में किराए के भवन में संचालित बाल सुधार गृह में भारी अव्यवस्था देखने के बाद बाल आयोग की अध्यक्ष डा वर्णिका शर्मा ने विभाग को कड़ा पत्र लिखकर गृह को जल्द कहीं और शिफ्ट करने को कहा था। तब बालको थाना में बने भवन में बाल सुधार गृह को स्थानांतरित किया गया था। इसके बाद प्रशासन ने मामला गंभीरता से लेते हुए जर्जर भवन को दुरूस्त करने कहा था।

महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी द्वारा भवन का जीर्णोद्धार करा बच्चों को यहां शिफ्ट किया गया। इस नए भवन में शिफ्ट होने के दूसरे दिन अधीक्षक दुर्गेश्वरी पांडे छुट्टी पर चली गईं। उन्होंने कहा कि उनके मामा का निधन हो गया था, इसलिए बिलासपुर गई थीं। यहां सुरक्षा के लिए तीन शिफ्ट में सिर्फ तीन गार्ड तैनात हैं, जो इस तरह की घटनाओं को रोकने में नाकाम रहे।

बता दें कि दो दिन पूर्व भवन की शिफ्टिंग के दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी दयादास महंत ने स्वयं सारा इंतजाम कराया। स्वाभाविक है कि इससे पूर्व जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश और महिला एवं बाल विकास अधिकारी गजेंद्र सिंह ने भी इस भवन का निरीक्षण करते हुए सुरक्षा व्यवस्था का भी अवलोकन किया होगा। मगर इन्हें यहां की खामियां नजर नहीं आई। बहरहाल, मामले में पुलिस ने भागे बाल अपराधियों की तलाश शुरू कर दी है।

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