
कोरबा (छत्तीसगढ़ उजाला)। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी द्वारा देश में वोट चोरी का मामला उछाले जाने के बाद पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने निर्वाचन विभाग के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने डिंगापुर मतदान केंद्र के लिए जारी किए गए 910 मतदाताओं के सूची में व्यापक गड़बड़ी उजागर किया है। इसमें उन्होंने पूर्व के चार कलेक्टरों के नाम मतदाता सूची से नहीं हटाए जाने का मसला उठाते हुए पूरे जिले के मतदाता सूची में गड़बड़ी किए जाने की आशंका जाहिर करते हुए दस्तावेज भी प्रस्तुत किया है।
अग्रवाल ने राज्य और भारत सरकार निर्वाचन आयोग को पत्र लिख कर बताया है कि हाल ही हुए नगरीय निकाय चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची जारी की गई थी। उन्होंने कहा कि कोसाबाड़ी वार्ड क्रमांक 36 के डिंगापुर मतदान केंद्र क्रमांक चार के अनुभाग क्रमांक पांच के मतदाता सूची में व्यापक गड़बड़ी है। जिला निर्वाचन अधिकारी जिस बंगले में रहते हैं उनके पते में चार ऐसे कलेक्टर (आइएएस) के नाम मतदाता के रुप में दर्ज हैं, जबकि उनका तबादला वर्षो पहले हो चुका है।
मतदाता क्रमांक 453 में पूर्व कलेक्टर रानू साहू, 454 में मोहम्मद कैसर अब्दुल हक, 455 में किरण कौशल एवं 548 में सौरभ कुमार का नाम अभी भी सूची में मौजूद है। इन सभी का निवास एक ही है, वह है आवास क्रमांक सी-दो। मोहम्मद कैसर हक का स्थानांतरण छह फरवरी 2019 में हुआ, किरण कौशल का स्थानांतरण सात जून 2021 में, रानू साहू का तबादला एक जुलाई 2022 सौरभ कुमार का स्थानांतरण चार जनवरी 2024 में हो चुका है।
इसी प्रकार तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर रुचि शार्दुल, अपर कलेक्टर प्रियंका महोबिया, कोषालय अधिकारी गौरीशंकर जागृति का भी नाम सूची में दर्ज है और पता सरकारी आवासों का है।
अग्रवाल ने कहा कि मजे की बात यह है कि इसी आवास में वर्तमान कलेक्टर अजीत वसंत निवासरत हैं और उन्होंने ही नगरीय निकाय चुनाव के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी निभाई। जब वे अपने ही आवास के पते पर मतदाताओं की त्रुटि सुधार नहीं कर सके तो पूरे जिले की मतदाता सूची त्रुटिहीन होंगे ऐसा भला कैसे माना जा सकता है।
अग्रवाल ने कहा है कि यह लोकतंत्र और चुनाव व्यवस्था पर गंभीर सवाल है। साथ ही कहा है कि कोरबा में भी वोट की गड़बड़ी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। निर्वाचन विभाग पर विश्वास कायम रहे इसके लिए पूरे जिले के मतदाता सूची की जांच निष्पक्षता से कराई जाए।
सेवानिवृत्त होकर चले गए, पर नाम नहीं हटा
पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि डिप्टी कलेक्टर रहे बीएस मरकाम का भी नाम सूची से नहीं हटाया गया है जबकि वर्ष 2022 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसी तरह जिला खाद्य अधिकारी एच मसीह सेवानिवृत्त हो चुके हैं और अभी भी मतदाता सूची में उनका सरकारी आवास का पता दर्ज है। अधिकारियों के साथ कुछ ऐसे परिवार भी हैं, जो कोरबा जिला छोड़कर बिलासपुर व अन्य जिलों में बस गए हैं, उनका भी नाम इस मतदान केंद्र की सूची में यथावत बना हुआ है। रौनक ठाकुर व रोशनी ठाकुर समेत परिवार के चार लोग पिछले पांच साल से बिलासपुर में निवासरत हैं पर अब तक सूची को दुरुस्त नहीं किया गया।
नए पदस्थापना स्थल में भी जुड़ गए होंगे अधिकारियों के नाम
अग्रवाल ने कहा है कि यह भी संभव है कि इन चार पूर्व कलेक्टरों का नाम यहां भी सूची में दर्ज है और उन्होंने अपने तबादला के बाद नए पदस्थापना वाले जिलों में भी अपना नाम जुड़वा लिए हों। हमें आशंका यह भी है कि कई दिवंगत लोग हैं ,जिनका अभी भी मतदाता सूची में नाम है। इसके अलावा सैकड़ों ऐसे मतदाता हैं, जिनका नाम दो बार दर्ज है।
इस मतदाता सूची का उपयोग नगरीय निकाय चुनाव में किया गया, जो जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत बसंत के अगुवाई में ही संपन्न हुए हैं। यह तो केवल एक मतदान केंद्र की त्रुटियों को उजागर किया जा रहा है। वहीं पूरे निगम के 67 वार्डों के मतदान केंद्रों में कितनी और किस तरह की गड़बड़ी होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। कोरबा ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के निर्वाचन सूची की जांच राज्य निर्वाचन आयोग करे।
चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद, चुनाव के परिणाम से अगर कोई उम्मीदवार सहमत नहीं होता है तो तय समय सीमा के भीतर सक्षम न्यायालय में चुनाव याचिका दायर की जा सकती है।
अजीत वसंत, कलेक्टर, कोरबा