*क्रेडा के चेयरमैन भूपेन्द्र सवन्नी को कमीशनखोरी के आरोपों से मिली क्लीनचिट, लगे आरोप का नहीं मिला कोई प्रमाण*
छत्तीसगढ़ उजाला - प्रतीक सोनी

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। क्रेडा के चेयरमैन भूपेन्द्र सवन्नी को कमीशनखोरी के आरोपों से क्लीनचिट मिल गई है। सवन्नी पर कुछ वेंडरों ने तीन फीसदी कमीशन के लिए दबाव बनाने, और धमकी देने की शिकायत की सीएम विष्णुदेव साय से की थी। इस पूरे मामले में सीएम ने ऊर्जा सचिव से जांच कर प्रतिवेदन मांगा था। ऊर्जा सचिव डॉ. रोहित यादव ने शिकायतों की जांच कर अपनी रिपोर्ट सीएम सचिवालय को भेज दी है। डॉ. यादव ने कहा कि शिकायतकर्ताओं की तरफ से क्रेडा चेयरमैन के खिलाफ शिकायतों को लेकर कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए। शिकायत आधारहीन पाई गई, और इसके बाद प्रतिवेदन सीएम सचिवालय को भेज दिया गया है। क्रेडा चेयरमैन भूपेन्द्र सिंह सवन्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप सुर्खियों में रहे हैं। क्रेडा से जुड़े एक वेंडर सुरेश कुमार, और अन्य ने उन पर कमीशनखोरी के गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि सवन्नी ने आरोपों को निराधार बताया था। मगर सीएम सचिवालय ने शिकायतों पर ऊर्जा सचिव से प्रतिवेदन मांगा था। इसको लेकर प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस ने सवन्नी के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है। ऊर्जा सचिव ने हफ्तेभर पहले ही प्रतिवेदन सीएम सचिवालय को भेजा है। इसमें सवन्नी के खिलाफ शिकायतों को निराधार बताया गया है।
वेंडरों ने शिकायत में यह कहा गया था कि हम सभी क्रेडा में विगत कई सालों से वेंडर के तौर पर कार्य कर रहे हैं। विभाग के द्वारा समय-समय पर जो टेंडर जारी होता है उस टेंडर में हम भाग लेते हैं और हमें विभाग द्वारा कार्य आबंटित होता है जिसके बाद हम क्रेडा के विभिन्न परियोजनाओं के तहत फील्ड में जाकर कार्य करते हैं सोलर सिस्टम लगाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जहां एक तरफ छत्तीसगढ़ में विष्णु के सुशासन में बेहतर कार्य हो रहा है तो दूसरी तरफ सुशासन पर ग्रहण लगाते हुए आपके ही सरकार के अंग क्रेडा के नवनियुक्त अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी के द्वारा विगत कुछ दिनों से ईकाईयों को परेशान कर रहे हैं।
शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि जितने का कार्य पूर्व में उनके पदभार ग्रहण के पहले आबंटित हुआ है और जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं उसका 3 फीसदी की मांग क्रेडा कार्यालय में पदस्थ अपने निज सहायक वैभव दुबे के माध्यम से अपने लिए की जा रही है और नहीं देने पर किसी भी कारण का उल्लेख कर या कार्यों की जांच करा कर नोटिस दिलवाने और ब्लैक लिस्टेड करने की धमकी दी जा रही है और लगातार हमें प्रताडि़त किया जा रहा है जिससे हम सब बहुत परेशान हैं। जांच के चलते सवन्नी पर कार्रवाई की भी अटकलें लगाई जाती रही हैं। मगर रिपोर्ट के बाद किसी तरह की कोई कार्रवाई संभावना नहीं रह गई है।