पेंड्रा तहसील में ‘रात की हलचल–दिन का सन्नाटा’: तहसीलदार, RI और पटवारी की कार्यशैली पर उठे गंभीर सवाल

पेंड्रा। पेंड्रा तहसील इन दिनों अपनी संदिग्ध कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा के केंद्र में है। राजस्व निरीक्षक (RI) साहब की नई कार, रात में खुला तहसीलदार कार्यालय और अधिकारियों की ‘रात की सक्रियता’ ने पूरे क्षेत्र में शंकाओं का माहौल पैदा कर दिया है।
दिनभर अधिकारी गायब—ग्रामीण सुबह से शाम तक इंतजार करते रह जाते
गांवों से आने वाले किसान और ग्रामीण रोज़ाना तहसील कार्यालय पहुंचकर अपने कार्यों के लिए घंटों लाइन में बैठे रहते हैं।
लेकिन उनका आरोप है कि:
तहसीलदार साहब केवल औपचारिक हाजिरी लगाकर निकल जाते हैं,
RI और पटवारी दिनभर अपनी “बेजोड़ व्यस्तता” का हवाला देकर जनता से मिलने से बचते हैं,और जनता का काम अधूरा ही रह जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कार्यदिवस में किसी अधिकारी की ठीक से मौजूदगी नहीं रहती।
“दिन का तहसील कार्यालय तो जैसे भगवान भरोसे चल रहा है।”
लेकिन रात होते ही बदल जाता है पूरा माहौल
चौंकाने वाली बात यह है कि जो अधिकारी दिन में कार्यालय के लिए समय नहीं निकाल पाते—
वे रात में एक साथ तहसील कार्यालय में मौजूद पाए जाते हैं।
कई बार स्थानीय लोगों ने देखा कि:
रात के समय RI साहब की नई कार तहसीलदार कार्यालय के सामने खड़ी रहती है,
तहसीलदार कार्यालय देर रात तक खुला मिलता है,तहसीलदार, RI और पटवारी सभी अंदर मौजूद रहते हैं,जबकि दिन में उनसे संपर्क तक नहीं हो पाता।इन रात की गतिविधियों ने पूरे क्षेत्र में संदेह और चर्चा दोनों को जन्म दिया है।
जनता का तीखा सवाल — “दिन में जनता के लिए बंद, रात में किसके लिए खुलता है दफ्तर?”
ग्रामीणों का कहना है कि तहसील प्रशासन के इस दोहरे रवैये पर तत्काल स्पष्टीकरण और विभागीय जांच की जरूरत है।
दिन में कार्यालय बंद जैसा माहौल और रात में अधिकारीयों की सक्रियता गंभीर सवाल खड़े करती है।
लोगों का कहना है—
“हम सुबह से शाम तक इंतजार करें, कोई अधिकारी नहीं मिलता… लेकिन रात को सब उपलब्ध रहते हैं। आखिर ऐसा क्यों?”
इस पूरे प्रकरण ने पेंड्रा तहसील की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।






