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कांग्रेस नेता और पूर्व आरडीए अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़ नहीं रहे, पांच दशक की सक्रिय राजनीति का हुआ अंत

रायपुर(छत्तीसगढ़ उजाला)-छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) के पूर्व अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़ का रविवार को मुंबई में निधन हो गया। 75 वर्षीय धुप्पड़ पिछले कुछ समय से बीमार थे और मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर ने कांग्रेस परिवार एवं प्रदेश की राजनीतिक दुनिया को गहरे शोक में डूबो दिया है।

करीब पांच दशक तक सक्रिय राजनीति और सामाजिक कार्यों में योगदान देने वाले सुभाष धुप्पड़ को भूपेश बघेल सरकार के दौरान आरडीए अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वे दुर्गा कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक श्रीराम धुप्पड़ के भाई थे। राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान हमेशा याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व में कई युवा नेताओं ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और उनसे प्रेरणा पाई।

कांग्रेस में उनके निधन के बाद गहरा शोक है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए लिखा—
“मेरे मित्र और परम सहयोगी सुभाष धुप्पड़ के निधन का समाचार स्तब्ध कर देने वाला है। उनका असमय चले जाना मेरे लिए व्यक्तिगत और अपूरणीय क्षति है। वे एक बेहतरीन इंसान, कर्मठ सहयोगी और हमेशा प्रेरित करने वाले मित्र थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।”

अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने भी धुप्पड़ के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। नेताओं ने कहा कि उनका राजनीतिक दृष्टिकोण, संगठनात्मक क्षमता और मार्गदर्शन हमेशा याद रखा जाएगा। कांग्रेस ने माना कि उनके अनुभव की कमी लंबे समय तक खलेगी।

सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। लोगों ने याद किया कि धुप्पड़ केवल राजनीतिक नेता नहीं थे, बल्कि समाज सेवा में सदैव सक्रिय रहे। उन्होंने युवाओं और जरूरतमंदों की सहायता के लिए लगातार काम किया और सामाजिक सरोकारों के प्रति हमेशा संवेदनशील रहे।

सुभाष धुप्पड़ का जाना छत्तीसगढ़ की राजनीति और समाज दोनों के लिए बड़ी क्षति मानी जा रही है।

प्रशांत गौतम

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