सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: नान घोटाले में दो IAS अफसरों की अग्रिम जमानत रद्द, आबकारी घोटाले की याचिकाएं भी खारिज

दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पूर्व आईएएस अफसर अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को बिलासपुर हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) रद्द कर दी है। इसके बाद दोनों अधिकारियों को अब ईडी की कस्टडी में जाना पड़ सकता है।
🔹 सुप्रीम कोर्ट का आदेश
अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद दोनों अफसरों को पहले दो सप्ताह ईडी की हिरासत और उसके बाद दो सप्ताह न्यायिक हिरासत में रहना होगा।
इसके बाद ही उन्हें जमानत मिलने की संभावना होगी।
कोर्ट ने यह भी कहा कि 2015 में दर्ज नान घोटाला मामले में आरोपियों ने ईडी की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। उस समय दोनों अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर तैनात थे।
🔹 जांच एजेंसियों को मिली राहत
इस फैसले के बाद जांच एजेंसियों के लिए आरोपियों की गिरफ्तारी आसान हो गई है। अब ईडी और अन्य एजेंसियां बिना किसी कानूनी बाधा के टुटेजा और शुक्ला को गिरफ्तार कर सकती हैं।
🔹 आबकारी घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी घोटाले से जुड़े मामलों पर भी सुनवाई की और सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।
अब तक आबकारी घोटाले के छह आरोपियों को गिरफ्तारी से सुरक्षा मिली हुई थी।
कोर्ट ने साफ कर दिया कि छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के आबकारी घोटाले अलग प्रकृति के मामले हैं, इन्हें एक जैसा नहीं माना जा सकता।
इसी आधार पर कोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।
ED,EOW के लिए डेड लाइन तय
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी और EOW को जाँच पूरी करने के लिए तय समय सीमा दी है!जस्टिस सुदरेंश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की डिवीज़न बेंच ने ईडी को तीन महीने और EOW को दो महीने मे जाँच पूरी करने के निर्देश दिए!कोर्ट ने कहा की लंबित मामलो का निपटारा समय पर होना चाहिए