ईडी ने आबकारी घोटाले में चैतन्य बघेल के खिलाफ दाखिल किया पूरक परिवाद

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित आबकारी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ विशेष अदालत में पूरक परिवाद (चार्जशीट) दाखिल किया।
करीब 7000 पन्नों की इस चार्जशीट में कई नए तथ्य, साक्ष्य और चौंकाने वाले खुलासे दर्ज किए गए हैं।
राजीव भवन का भी जिक्र
ईडी के पूरक परिवाद में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) कार्यालय राजीव भवन का भी उल्लेख किया गया है।
एजेंसी का दावा है कि घोटाले से जुड़े धन के लेन-देन और राजनीतिक गतिविधियों के बीच प्रत्यक्ष संबंध सामने आए हैं।
कौन-कौन आए राडार पर?
चार्जशीट में चैतन्य बघेल के अलावा:
कुछ अन्य राजनीतिक नेताओं,
कारोबारियों,
और आबकारी विभाग के अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
ईडी ने इस परिवाद में गवाहों के बयान, बैंकिंग ट्रांजैक्शन और मनी ट्रेल के सबूत भी संलग्न किए हैं।
जांच किस ओर बढ़ रही है?
पूरक परिवाद से यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि ईडी की जांच अब केवल अधिकारियों और शराब ठेकेदारों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह सीधे राजनीतिक हलकों और संगठनों तक पहुँच गई है।
राजीव भवन का नाम आने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आगे की कार्रवाई और भी सख्त और व्यापक हो सकती है।