
जांजगीर चांपा (छत्तीसगढ़ उजाला)। नींद की गोली खिलाकर नाबालिग से अनाचार करने वाले आरोपी को अपर सत्र न्यायाधीश (पाक्सो) अनिल कुमार बारा ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पांच सौ रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन के अनुसार 14 वर्षीय पीड़िता अपने पिता के निधन बाद वह अपने मामा के घर में रहती थी। 13 मई 2023 को वह अपने बड़े भाई के साथ अपने बड़े पिता के पुत्र दिलेश्वर महंत के साथ एक आश्रम में रहने गई थी। उसका भाई उसे छोड़कर कमाने खाने गुजरात चला गया। दिलेश्वर महंत कई वर्षो से आश्रम में देखरेख का काम करता था। आश्रम में दिलेश्वर महंत पीड़िता को रोज खाना निकालकर देता था। खाना में नींद की दवा जैसी कुछ मिलाता था, जिससे पीड़िता सो जाती थी। तब दिलेश्वर महंत पीड़िता के साथ अनाचार करता था।
चार जुलाई 2023 की रात को पीड़िता खाना नहीं खाई थी, बिना खाना खाए सो गई थी। तब दिलेश्वर उसके बेड में आया और उसके हाथ, बांह को पकड़ा, तब पीड़िता जाग गई, तब आरोपी अलग सो गया। पीड़िता अगली सुबह ग्राम टुंड्रा चली गई। जहां जुलाई माह में उसके पेट में दर्द हुआ, पीरियड आना बंद हो गया।
उसने इसकी जानकारी अपने स्वजन को दी और प्रेग्नेंसी टेस्ट किया गया तो वह प्रेग्नेंट थी। तब उसने अपने भाई को बताया कि आश्रम में रूकी थी तब आरोपी नींद की दवा मिलाकर गलत काम किया है। पीड़िता के भाई ने आरोपी से पूछताछ किया तो वह इंकार करते हुए चला गया, बाद में भाग गया।
पीड़िता ने घटना की रिपोर्ट शिवरीनारायण थाना में दर्ज कराई। जिस पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। संपूर्ण विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अपर सत्र न्यायाधीश (पाक्सो) अनिल कुमार बारा ने आरोपित दिलेश्वर उर्फ निर्मलदास को धारा 376 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
साथ ही पांच सौ रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया गया। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो) चंद्रप्रताप सिंह ने पैरवी की।