छत्तीसगढ

हत्याकाण्ड मे शामिल SECL अफसर पर प्रबंधन मेहरबान…..इतनी बड़ी घटना में नाम आने के बाद प्रबंधन ने दागी अफ़सर का किया प्रमोशन…..

पूर्व में कोल लिफ्टरो के द्वारा पहले भी मृतक अनुप जायसवाल ( रोहित ) से हुई थी मारपीट, अब आरोप है ,कर दी गई हत्या !

पूर्व मंडल अध्यक्ष रौशन ठाकुर, सब एरिया मैनेजर एस.एस. चौहान सहित कुल 16 लोगों पर FIR दर्ज

कोरबा, 29 मार्च 2025 : बिति 28 मार्च की रात ट्रांसपोर्टर अनुप उर्फ रोहित जायसवाल की कुछ लोगों ने एस.ई. सी. एल. सराईपाली खुली खदान के बेरियर के आगे धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी है , मामला आपसी रंजिश और वर्चस्व को लेकर इस घटना को अंजाम दिया गया है, चूंकि सराईपाली खुली खदान में एक कोल लिफ्टर और ट्रांसपोर्टर का एकाधिकार बना हुआ था, जो किसी अन्य को कोल लिफ्टिंग का काम करने से रोक लिया करता था , लंबे समय से उसके प्रतिद्वंद्वी के रुप में जो कोई भी आना चाहते थे , डरा-धमकाकर कर उसे काम करने से रोक दिया जाता रहा है, कोई अधिकारी भी यदि उसके काम के बीच आया तो उसे भी इस हद तक परेशान किया गया कि उनको स्वयं तबादला लेकर अन्य जगह पर जाना पड़ा और कुछ कर्मचारियों को तो इसलिए मार पड़ी क्योंकि उनके ग़लत कामों को समर्थन नहीं किया गया। अब जब  कोल लिफ्टिंग के काम में अनुप उर्फ रोहित जायसवाल ने मेहनत कर कोल डियो ले आया और काम करने लगा तो लंबे समय से इस काम में जमें लिफ्टर को यह नाकाबिले बर्दाश्त लगने लगा इसलिए पहले भी मृतक अनुप उर्फ रोहित जायसवाल को मारपीट की गई थी, जिसकी शिकायत थाना पाली में की गई थी, किन्तु किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने से अपराधियों का बल बढ़ा और हत्या जैसे कृत्य को अंजाम दिया।

अभी भी इसको पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है,ये हत्या के बाद से अंडरग्राउंड है, मोबाइल स्विचड ऑफ़ है। इससे यही प्रतीत होता है कि एस ई सी एल प्रशासन, पुलिस प्रशासन और स्थानीय प्रशासन सभी मिलकर आरोपी उप क्षेत्रीय प्रबंधक को बचा रहे हैं। और तो और इसके बावजूद आरोपी उप क्षेत्रीय प्रबंधक को चार्जशीट देकर इस हत्या में उसकी संलिप्तता की जाँच करने के बजाय उसको प्रमोट करते हुए कुसमुंडा जैसे मेगा खदान का GM (ऑपरेशन) और SO (पी & पी )बना कर भेजा जा रहा है। इससे तो यही लगता है कि कोल इंडिया में जो जितना भ्रष्टाचारी और बदमाश रहेगा उनको उतना मेगा प्रोजेक्ट में बैठाया जायेगा।

त्रिपुरा रायफल्स ( TSR ) की लाचारी आई सामने…..

त्रिपुरा रायफल्स पहले भी किसी एस. ई .सी .एल. कर्मचारी के साथ मार-पीट होने पर बीच बचाव नहीं किया गया था, सूत्रों की माने तो प्रतिबंधित लोग खदान परिसर में प्रतिबंध लगाने के बावजूद बेरोकटोक प्रवेश करते रहें हैं , और देर रात्रि में भी जबकि  त्रिपुरा रायफल्स की बेरियर में तैनाती रही , तो भी सूत्रों ने बताया कि कुछ थार गाड़ीयां अंदर भी आई थी और अनूप उर्फ रोहित जायसवाल को अकेला पाकर हत्या कर दिया गया। हमेशा की तरह TSR मौन तमाशबीन बने रहे।

पाली पुलिस की ड्यूटी पर भी सवालिया निशान ?

बार-बार कर्मचारियों और मृतक के किये गए शिकायत पर समय रहते उचित कार्यवाही नहीं की गई, प्रकरण में शामिल आरोपी पहले सराईपाली खुली खदान में प्रतिबंधित होने के बावजूद जाते रहे , पहले भी जुनियर टेक्निकल इंस्पेक्टर रूपचंद देवांगन को 15 अगस्त को मार पड़ने के बाद उसके आवेदन की पावती देने के लिए 4 घंटे तक एक.एस.आई. के द्वारा खड़ा रखा गया था , और कहा गया था, कि टी.आई. साहब का आदेश नहीं है पावती देने के लिए मना कर रहें हैं । फिर पुलिस अधीक्षक के समक्ष शिकायत करने की बात पर ,पावती दी गई।

क्यों ऐसी स्थिति निर्मित हुई कि सब एरिया मैनेजर का नाम सामने आया…..

RTI में लिखित में दिया गया कोयले में ब्लास्ट नहीं किया जाता

ओवर बर्डन के काम करने वाली ठेका कंपनी को केवल ओ.बी. में ब्लास्ट करना है,पर कालरी मैनेजर और सब एरिया मैनेजर के इशारे पर कोयले में भी ब्लास्ट कर STEAM COAL का फ़ायदा दिलाया जाता रहा है ,माइन के CCTV की बात आने पर खानापूर्ति की कार्यवाही कर मामला दबा दिया जाता है, सराईपाली खुली खदान के सभी CCTV जांचने पर कोयले से संबंधित बिना अनुमति कोयले में ब्लास्ट और ROM की पर्ची में STEAM COAL का भेद सामने आ जाएगा और सब एरिया मैनेजर बेनकाब न हो जाए इसलिए जुनियर टेक्निकल इंस्पेक्टर रूपचंद देवांगन पर दबाव बनाने के लिए खदान परिसर में सभी के सामने ( TSR )त्रिपुरा रायफल्स की तैनाती के बावजूद मार-पीट की गई , थाने की शिकायत वापस लेने के लिए सब एरिया मैनेजर के द्वारा दबाव बनाया गया किन्तु नहीं मानने पर उल्टे पीड़ित जुनियर टेक्निकल इंस्पेक्टर रूपचंद देवांगन को ही चेतावनी पत्र जारी कर दिया गया, किन्तु टेक्निकल इंस्पेक्टर के शिकायत पर दोषियों पर खान परिसर में प्रतिबंध तो लगाया किन्तु आना-जाना लगातार बना रहा, ग्रेड का खेल भी किया जा रहा था, सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार कभी-कभी G-10 Coal को G-13 Coal के स्टाक पे भी डंप किया जा रहा था , जिसका विरोध करने के फलस्वरूप टेक्निकल इंस्पेक्टर रूपचंद को इस हद तक डराया-धमकाया गया कि अपने जान पर खतरा लगने लगा जिसकी सूचना उसने अपने आला अधिकारियों को समय-समय पर दी किन्तु हर कार्यवाही खानापूर्ति ही रही । अंततः विभाग ने बजाय ढांढस हिम्मत देने की जगह छह माह पूर्व आए कर्मचारी को ही ट्रांसफर लेटर जारी कर दिया ताकि उसके जाते ही

FIR copy के अनुसार आरोपीयों के नाम :-

 

Anil Mishra

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