बिलासपुर

बड़ी खबर : गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जबरन नमाज पढ़ाने का लगाया आरोप, यूनिवर्सिटी ने जांच के लिए बनाई कमेटी, शिकायत पर पुलिस ने की जांच शुरू

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। छत्तीसगढ़ की सेंट्रल यूनिवर्सिटी से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। NSS कैंप में शामिल 155 हिंदू छात्रों ने जबरन नमाज पढ़वाने का गंभीर आरोप लगाया है। छात्रों ने इस मामले में पुलिस से शिकायत कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इधर उजाला की इस एक्सक्लूसिव खबर का बड़ा असर भी देखने को मिला है, GGU कुलपति ने मामले का संज्ञान लेते हुए 4 सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। दरअसल, बिलासपुर की गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय यानी GGU की NSS इकाई ने 26 मार्च से 1 अप्रैल तक शिवतराई में एक कैंप आयोजित किया। इसमें कुल 159 छात्र शामिल थे।

छात्रों का आरोप है कि 30 मार्च को ईद के दिन 4 मुस्लिम छात्रों के साथ 155 हिंदू छात्रों को भी मंच पर बुलाकर नमाज अदा करवाई गई। छात्रों ने आरोप लगाया कि योग क्लास के बहाने उन्हें नमाज के तौर-तरीके सिखाए गए। मोबाइल पहले ही जमा करा लिया गया था ताकि कोई सबूत न बन सके। छात्रों ने इसे धर्मांतरण की साजिश बताते हुए मानसिक रूप से परेशान करने और ब्रेनवॉश करने का भी आरोप लगाया है।

छात्रों में भय का माहौल
शिकायतत करने वाले हिंदू छात्रों को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे वो बहुत ज्यादा भयभीत व डरे हुए हैं। अपने चेहरे को छुपाकर वो अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे थे। उन छात्रों ने पुलिस को बताया कि 26 मार्च से 1 अप्रैल तक NSS का कैंप आयोजित किया गया था। इस कैंप में विश्विद्यालय के 159 छात्र हुए शामिल थे। इनमें से केवल 4 छात्र मुस्लिम थे, जबकि बाकी सभी हिंदू थे। वहीं 30 मार्च को ईद के दिन मुस्लिस छात्रों के साथ-साथ हिंदू छात्रों को भी जबरदस्ती नमाज पढ़वाई गई। इस मामले में कुछ छात्रों ने अपना पहचान छुपाते हुए एक वीडियो भी जारी किया है और अपनी आपबीती सुनाई है। फिलहाल कोनी थाना पुलिस हिंदू छात्रों की शिकायत पर मामले की जांच में जुट गई है।

कुलपति ने मिडिया से बनाई दूरी
इस मामले को लेकर हमने विश्विद्यालय के कुलपति से सम्पर्क करने की कोशिश कई मर्तबा की इन्होंने मोबाइल अटेंड ही नहीं किया, पर ये महाशय इतने बड़े मामले में भी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। इनको यह सब मामला समान्य लगता हैं। अभी तक विश्विद्यालय प्रशासन ने आरोपित अफ़सरो पर कोई कार्रवाही नहीं की हैं।

पहले भी घटित हुई है ऐसी घटनाएं
छत्तीसगढ़ में ऐसी घटना केन्द्रीय विश्वविद्यालय में पहले भी घट चुकी हैं। विश्विद्यालय प्रशासन गहरी निद्रा में मस्त प़डा हुआ हैं। इस घटना से विश्वविद्यालय की अव्यवस्था की पोल खुलकर आ गई हैं। इस मामले में शामिल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सहित  सभी को तत्काल नौकरी से टर्मिनेट करते हुए जेल के अंदर करना चाहिए, साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति को तत्काल हटाना चाहिए। ऐसे कमजोर कुलपति को यहां रखना अनुचित है। इस मामले में आरोपियों को कौन प्रश्रय दे रहा हैं। इस अधर्मी काम को करने के लिए इन्हें किसने कहा था। ऐसे बहुत से सवाल है जिनकी जांच होनी बहुत जरूरी हैं। इस मामले पर सीबीआई की जांच होनी चाहिए। आखिर इस अधर्मी काम में कौन कौन शामिल हैं।

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