कोरबा

*एक तरफ बस्तर में नक्सलवाद और कोरबा में अफसरवाद है हावी – कुलदीप मरकाम* *सप्ताह भर से ज्यादा समय से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे गोगपा पार्टी पदाधिकारी की प्रशासन ने नही ली सुध, अब बड़े और उग्र आंदोलन की कर रहे तैयारी*

छत्तीसगढ़ उजाला: दीपक दास महंत

 

कोरबा/पाली (छत्तीसगढ़ उजाला)। पाली क्षेत्र के पूर्व सरपंचों के विरुद्ध हुई एकपक्षीय कार्यवाही रिकवरी के विरोध में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का अनिश्चित कालीन हड़ताल पाली के शिव मंदिर चौक में जारी है, हड़ताल को सप्ताह भर पूर्ण हो चुके है किंतु प्रशासनिक कोई भी अमला अभी तक आंदोलन कारियों का सुध लेने नही पहुंचा है ऐसा कहना है गोगपा के प्रदेश सचिव कुलदीप सिंह मरकाम ने कहा कि अगर प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देती है तो वे आने वाले दिनों में जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव करते हुए उग्र आंदोलन करेंगी जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी, प्रशासन के उदाशीन रवैया और एकपक्षिय कार्यवाही से गोगपा कार्यकर्ता नाराज है।

जानिए क्या है पूरा मामला –
मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत 2015-16 में स्वीकृत निर्माण कार्यों को लेकर पूर्व सरपंचों के विरुद्ध तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पाली द्वारा रिकव्हरी कार्यवाही करते हुए सरपंचों पर अमानत में खयानत के तहत मामला दर्ज कर एसडीएम पाली में प्रकरण दर्ज किया गया था प्रकरण दर्ज पश्चात तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटघोरा के द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी कर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था एवम जवाब मांगा गया था जिसमे पूर्व सरपंचों द्वारा किए गए कार्यों का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र मय माप पुस्तिका सहित आवश्यक दस्तावेज माननीय न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटघोरा के आदेशों व निर्देशों का पालन करते हुए जवाब प्रस्तुत किया गया था किंतु तात्कालिक अनुविभागीय अधिकारी द्वारा उक्त प्रकरण में प्रस्तुत जवाब को नजर अंदाज कर मानसिक प्रताड़ित करने की नियत से राशि जमा करो या जेल जाओ मौखिक रूप से कहते हुए एकपक्षीय कार्यवाही किया गया है जिस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय से पूर्व सरपंचों द्वारा स्थगन प्राप्त किया गया था ,जिस पर आर्थिक तंगी के चलते उक्त प्रकरण में नियमित उपस्थित नही होने के कारण निरस्थ किया गया था, चूंकि उक्त प्रकरण में ग्राम पंचायत पूर्व सरपंच ही अकेला दोषी नहीं हो सकता क्योंकि किसी भी निर्माण कार्य के गुणवत्ता की जांच करने के लिए इंजीनियर होता है, इंजीनियर द्वारा गुणवत्ता परीक्षण करने के बाद एसडीओ द्वारा सत्यापन किया जाता है, तब कहीं जाकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा राशि जारी किया जाता है तब कहीं जाकर सरपंच, सचिव राशि आहरण करता है, पंचायत तो सिर्फ निर्माण एजेंसी होता है। अकेले सरपंच को संबंधित निर्माण कार्य में पार्टी बनाना राजनीतिक षड्यंत्र के सिवाय और कुछ नहीं है । प्रभावित सरपंचों के द्वारा संबंधित समस्त कर्मचारियों को भी शामिल करने के लिए मांग करते हुए विधायक तुलेश्वर हीरासिंह मरकाम से मुलाकात कर उचित कार्यवाही करने की मांग किया था। जिसके संदर्भ में शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने के उद्देश्य व उचित कार्यवाही करने की उद्देश्य से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के तत्वाधान में आयोजित अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में उपस्थित होकर अपना विरोध जाहिर किया। विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम और विधायक प्रतिनिधि कुलदीप सिंह मरकाम ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भोले भाले 16 आदिवासी सरपंच को प्रताड़ित करने का यह एक राजनैतिक षड्यंत्र है क्योंकि मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत जो निर्माण कार्य हुआ था। जिसका मूल्यांकन होने के 1 वर्ष बाद पुनः मूल्यांकन के नाम पर रिकव्हरी का भय दिखाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया जो आज भी जारी है । जिसे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगा । उन्होंने कहा कि संबंधित सभी कर्मचारियों को भी पार्टी बनाया जाए । जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक यह धरना प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।

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