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*मुंगेली स्वास्थ्य विभाग में सीएमएचओ बनने के लिए खेल हुआ शुरू……डॉ प्रभात प्रभाकर के कारनामे की चर्चा पहुची मुख्यमंत्री सचिवालय…..*

छत्तीसगढ़ उजाला

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग के कारनामे सबसे ज्यादा चर्चा में बने हुए है।स्वास्थ्य विभाग में चल रही भर्राशाही पर सुशासन वाली सरकार कब अंकुश लगाएगी।यह देख पाना शायद कठिन सा हो गया है।अफसरों व मुंगेली नेताओ की सांठगांठ की कहानी बाजारों में बड़े जोरो से सुनी जा रही है।सरकार किसी की भी ही सत्ता का खेला बईमान अफसरों के पास से ही संचालित होता है।जो अफसर कांग्रेस की सरकार में चर्चित थे आज उनको लाने के लिए मुंगेली भाजपा के बड़े नेता लगे हुए है।

नेता जी काफी पुराने नेता है।इनकी कहानी भी बड़ी गजब है।भाजपा के इस नेता ने भ्रष्टाचार के प्रतिरूप अफसर को लाने की शायद कसम खाई हुई है।अफसर को अपने जिले में लाने के लिए नेता जी ने मुख्यमंत्री तक को पत्र भेजा है।नेता जी चाहते है कि डॉ प्रभात प्रभाकर मुंगेली सीएमएचओ पर पदस्थ हो।अब नेता जी यह सारे कार्य छोड़कर सीएमएचओ की पोस्टिंग के लिए किस लिए लगे है।इसको लेकर मुंगेली स्वास्थ्य विभाग के कुछ लोगो ने बताया कि सब माल का खेल है।डॉ प्रभाकर कांग्रेस के नेताओ के भी बहुत करीब थे।उससे ज्यादा करीब भाजपा के बड़े नेताओं के भी है।इसके पहले पूर्व सरकार मे जिले के प्रभारी मंत्री ने कांग्रेस जिला अध्यक्ष के कहने पर ये डाॅ प्रभात प्रभाकर को मुगेली सीएमएचओ बनाने पत्र लिखा था।पर बहुत ज्यादा विरोध के कारण इनका तबादला यहाँ नही हो पाया था।

 

भाजपा के एक नेता ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि मुंगेली की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से भी नही छुपी है।आज भी कांग्रेस के ही लोगो का काम हो रहा है।पार्टी के कार्यकर्ताओं की कोई सुध लेने वाला भी नही है।अब फिर कांग्रेस के नेताओ के कहने पर विधायक डाॅ प्रभात प्रभाकर को मुगेली सीएमएचओ बनाने पत्र लिखे है।छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में इस अफसर के कारनामे पहले भी चर्चित रहे है।कवर्धा के कारनामों को लेकर बहुत से मामले रहे है। ऐसे दागी अधिकारी को लाने से मुंगेली का क्या फायदा होगा यह समझ से परे है।सुशासन की सांय सरकार को ऐसे दागी अफसरों की नियुक्ति करने से पहले जांच भी करवानी चाहिए।वैसे भी स्वास्थ्य विभाग में प्रभारी बनाकर भेजने का मामला खूब चर्चा में बना हुआ है।अब एक और खेल सामने आया है।अब इस मामले में क्या होगा यह देखना बाकी है।

 

Anil Mishra

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