छत्तीसगढ

सुशासन की सरकार में भ्रष्ट अफसरो की मनमानी….भ्रष्टाचार की खबर मत लगाओ तभी मिलेगा जनसंपर्क से विज्ञापन…. ऐसे अफसरों की वजह से सरकार की हो रही किरकिरी….

छत्तीसगढ़ उजाला रायपुर

छत्तीसगढ़ में साय सरकार के आने से जो उम्मीद जनता को बनी हुई थी वो आठ माह की सरकार से समझ मे आ गयी।सीधे सरल मुख्यमंत्री की अपनी एक अलग छवि है।जनता से सीधे संवाद करने वाले मुख्यमंत्री की छवि को बट्टा लगाने का काम किया जा रहा है।सीएम सचिवालय को इस विषय पर मनन करने की आवश्यकता है।पर सीएम सचिवालय में बैठी नौकरशाही तो अपनी कहानी में ही लगी हुई है।सीएम की छवि जनता में अच्छी बनाने का काम जनसंपर्क विभाग का होता है पर छत्तीसगढ़ में यह विभाग ही सीएम की अच्छी छवि को बर्बाद करता हुआ नजर आ रहा है।अपने जमात के लोगो को बचाने के लिए साफ पत्रकारिता करने वालो को ही ठीक करने में लग गया है।परिवहन विभाग में हर माह करोड़ो का खेल बखूबी किया जा रहा है।जिसको लेकर हमने अपने वेबपोर्टल मीडिया में खबर चलाई थी।खबर लगाने के पहले ही हमारे पास परिवहन के कुछ अफसरों का कॉल भी आया था कि यह न्यूज़ मत लगाओ अन्यथा खुद का नुकसान तुमको उठाना पड़ जायेगा।छत्तीसगढ़ के परिवहन विभाग में आईपीएस पदस्थ है।इसके साथ ही जनसंपर्क विभाग में भी आईपीएस महोदय बैठे हुए है।फिर दोनो अफसर अपनी मनमानी तो करेंगे ही।

अंततः दोनों आईपीएस की मिलीभगत की बात भी सामने आ ही गयी।सरकार की छवि बनाने वाला जनसंपर्क विभाग केवल इन्ही सब कामो में ही लगा हुआ है।छत्तीसगढ़ में स्वच्छ व निर्भीक पत्रकारिता इन अफसरों को रास नही आती है।अब ऐसा लगता है कि आप को अपनी ईमानदारी का त्याग करना होगा।छत्तीसगढ़ की सुशासन वाली सांय सरकार के जनसंपर्क विभाग की मनमानी बंद होने से रही .छत्तीसगढ़ का जनसंपर्क विभाग आज कल अपने कारनामो से चर्चा में बना हुआ है।अब तक इम्पेनलमेंट कि सूची को फाइनल नही कर पाया है।ऐसा प्रतीत होता है कि सुस्त काम करने वाले अफसर सरल सहज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को ही निपटाने में लगे हुए है।

ईमानदारी से पत्रकारिता करने वाले वैसे भी नही के बराबर है।जनसंपर्क की मनमानी से यह तो साफ है कि आपको एड तभी जारी होगा जब आप अपनी आंख बंद करके सरकार के अफसरों की जी हुजूरी करे।किसी भी विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर करना सरकार के जनसंपर्क विभाग को  पसंद नही है।क्या ऐसे अफसरों पर प्रदेश की सांय सरकार कार्यवाही करेगी।इस को देखना फिलहाल बाकी है।

अगले अंक में परिवहन विभाग के नए घोटाले के साथ…

Anil Mishra

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