रायपुर

*रायपुर के बेटे ने विज्ञान की दुनिया में बजाया भारत का डंका Nature’s 10 में शामिल हुए – अचल अग्रवाल*

छत्तीसगढ़ उजाला

 

रायपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लिए यह गर्व का क्षण है। रायपुर से निकले वैज्ञानिक अचल अग्रवाल को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल Nature ने वर्ष 2025 के लिए अपनी चर्चित सूची Nature’s 10 में शामिल किया है। यह सूची उन दस लोगों की होती है, जिन्होंने अपने काम से वैश्विक विज्ञान को नई दिशा दी हो।

अचल अग्रवाल को यह सम्मान किसी प्रयोगशाला में नई खोज के लिए नहीं, बल्कि वैज्ञानिक ईमानदारी (Research Integrity) की रक्षा के लिए दिए गए उनके साहसिक योगदान के कारण मिला है। Nature ने उन्हें “Retraction Detective” कहा है यानी वह वैज्ञानिक, जो शोध पत्रों में नकल, डेटा गड़बड़ी और अनैतिक प्रकाशन को उजागर करता है।

रायपुर से वैश्विक मंच तक
अचल अग्रवाल की शुरुआती पढ़ाई रायपुर में हुई। बाद में उन्होंने गणित और डेटा विश्लेषण के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त की और भारत व विदेशों में काम किया। लेकिन 2022 के बाद उनका नाम तब चर्चा में आया, जब उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालयों में प्रकाशित शोध पत्रों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाए।

उन्होंने यह दिखाया कि कैसे कई संस्थानों में सिर्फ रैंकिंग और संख्या बढ़ाने के दबाव में कमजोर या गलत शोध प्रकाशित हो रहे हैं। उनके विश्लेषण ने यह भी सामने रखा कि भारत में रिसर्च पेपर रिट्रैक्शन (गलत पाए जाने पर शोध वापस लेना) की संख्या चिंताजनक है।

सिस्टम को आईना दिखाया
अचल अग्रवाल ने Research Integrity Watch (RIW) नाम से एक मंच तैयार किया, जहाँ रिसर्च में गड़बड़ियों की जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा की जाती है। सोशल मीडिया और डेटा के ज़रिए उन्होंने यह बहस राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचा दी कि क्या सिर्फ ज्यादा पेपर छापना ही सफलता है, या उनकी गुणवत्ता भी मायने रखती है?

उनके काम का असर इतना गहरा रहा कि भारत सरकार को NIRF रैंकिंग प्रणाली में बदलाव करने पड़े, ताकि विश्वविद्यालयों को केवल संख्या नहीं, बल्कि गुणवत्ता के आधार पर आँका जा सके।

व्यक्तिगत कीमत, लेकिन हौसला कायम
Nature की रिपोर्ट के अनुसार, इस ईमानदार लड़ाई की उन्हें व्यक्तिगत कीमत भी चुकानी पड़ी नौकरी से जुड़ी परेशानियाँ, दबाव और कानूनी चुनौतियाँ। इसके बावजूद उन्होंने पीछे हटने के बजाय रिसर्च एथिक्स पर जागरूकता फैलाने के लिए विश्वविद्यालयों में कार्यशालाएँ शुरू कीं।

छत्तीसगढ़ के लिए प्रेरणा
अचल अग्रवाल की उपलब्धि यह साबित करती है कि रायपुर और छत्तीसगढ़ सिर्फ प्रशासन और राजनीति ही नहीं, बल्कि वैश्विक विज्ञान को दिशा देने वाले विचार भी पैदा कर सकते हैं।

यह उपलब्धि प्रदेश के युवाओं के लिए संदेश है कि ईमानदारी, साहस और सवाल पूछने की आदत आपको दुनिया के सबसे बड़े मंच तक पहुँचा सकती है।

रायपुर का यह बेटा आज केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन कर रहा है।

Related Articles

Back to top button