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“सतर्कता: हमारी साझा जिम्मेदारी” — कलिंगा विश्वविद्यालय में ‘ईमानदारी और पारदर्शिता’ का संदेश देते हुए सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 संपन्न


“सतर्कता: हमारी साझा जिम्मेदारी – ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए शिक्षा” की थीम पर कलिंगा विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय और प्रौद्योगिकी संकाय ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC), नई दिल्ली के मार्गदर्शन में विजिलेंस अवेयरनेस वीक 2025 का सफल आयोजन किया।

यह सप्ताह 27 से 31 अक्टूबर 2025 तक चला, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों में नैतिक मूल्यों, पारदर्शिता और ईमानदारी की संस्कृति को बढ़ावा देना था।

कार्यक्रम की शुरुआत “इंटीग्रिटी फर्स्ट – नेशनल प्लेज फॉर ऑनेस्टी” से हुई, जिसमें शिक्षा संकाय की अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) श्रद्धा वर्मा ने प्रौद्योगिकी संकाय के प्रभारी अधिष्ठाता डॉ. वी.सी. झा, विभागाध्यक्षों और छात्रों की उपस्थिति में सभी को “राष्ट्रीय सत्यनिष्ठा प्रतिज्ञा” दिलाई।

सप्ताह भर कई रचनात्मक प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं —
✍️ “ईमानदारी को बढ़ावा देने में शिक्षकों और विद्यार्थियों की भूमिका” पर निबंध लेखन प्रतियोगिता,
🎤 “वॉयस ऑफ यूथ” वाद-विवाद प्रतियोगिता, तथा
🎨 “कलर्स ऑफ ऑनेस्टी” बैनर के तहत पोस्टर और स्लोगन प्रदर्शनी ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया।

इस अवसर पर “सरदार वल्लभभाई पटेल को स्मरण करते हुए – नेतृत्व में सत्यनिष्ठा” विषय पर एक प्रेरक व्याख्यान भी हुआ, जिसमें कला एवं मानविकी संकाय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अजय कुमार शुक्ला ने सरदार पटेल के नैतिक साहस और नेतृत्व की विरासत पर अपने विचार रखे।

समापन सत्र में पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित हुआ, जिसमें निबंध लेखन प्रतियोगिता में सुश्री स्नेहा (B.Ed.) और वाद-विवाद प्रतियोगिता में सुश्री शीतल की टीम (B.Ed.) को सम्मानित किया गया।

आयोजन का नेतृत्व प्रो. (डॉ.) श्रद्धा वर्मा और डॉ. वी.सी. झा ने किया, जबकि समन्वय में डॉ. हर्षा पाटिल का विशेष योगदान रहा। आयोजन समिति में प्रो. (डॉ.) लुभवानी त्रिपाठी, डॉ. डी. कालिदास, डॉ. सरोज नैयर, डॉ. हर्षा शर्मा और डॉ. संजीव कुमार यादव शामिल थे।

इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) श्रद्धा वर्मा ने कहा — “सोच, शब्द और काम में ईमानदारी ही सच्ची शिक्षा की नींव है।”
वहीं डॉ. वी.सी. झा ने कहा — “नैतिकता और प्रौद्योगिकी के बीच संतुलन स्थापित कर ही हम पारदर्शी समाज की नींव रख सकते हैं।”

यह आयोजन कलिंगा विश्वविद्यालय की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो अपने सभी शैक्षणिक एवं संस्थागत कार्यों में ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता को सर्वोपरि मानता है।

प्रशांत गौतम

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