रायपुर

*मुख्यमंत्री साय की नाराज़गी: खराब परफार्मेंस वाले तीन जिलों के पुलिस कप्तान को हटाया, अब कलेक्टरों की बारी*

छत्तीसगढ़ उजाला

 

रायपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। पिछले दिनों हुए कलेक्टर आईजी-एसपी कांफ्रेस के बाद खराब परफार्मेंस वाले तीन जिलों के एसपी को सरकार ने हटा दिया है। छत्तीसगढ़ शासन गृह (पुलिस) विभाग ने सात आईपीएस अधिकारियों के तबादले के साथ नई पदस्थापना आदेश शुक्रवार को जारी किया।

गृह(पुलिस) विभाग के सचिव हिम शिखर गुप्ता के हस्ताक्षर से जारी आदेश में पहले स्थान पर राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग को रखा गया है। उन्हें जिले से हटाकर सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर पदस्थ किया गया है जबकि उनके स्थान पर शक्ति जिले की पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा को राजनांदगांव की कमान सौंपी गई है।

इसी तरह से दूसरे स्थान पर मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के एसपी चंद्रमोहन सिंह को निदेशक, ट्रेनिंग,ऑपरेशन, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं, नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा मुख्यालय भेजा गया जबकि सहायक पुलिस महानिरीक्षक,पुलिस मुख्यालय रतना सिंह को मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर का नया एसपी बनाया गया।

कोंडागांव एसपी यदुवली अक्षय कुमार को हटाकर सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर पदस्थ किया गया है, उनके स्थान पर 13 वीं वाहिनी, सशस्त्र बल, बांगो(कोरबा) के सेनानी पंकज चंद्रा को कोंडागांव की कमान सौंपी गई है।

शक्ति जिले के नए एसपी सेनानी, 4 थी वाहिनी, छसबल माना प्रफुल्ल ठाकुर होंगे। गृह विभाग ने सभी आईपीएस अधिकारियों को उनके नए पदों पर अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक कार्यभार संभालने के निर्देश दिए है।

खराब परफार्मेंस पर कप्तानों को फटकार

13 अक्टूबर को संपन्न हुए कलेक्टर-आइजी-एसपी कांफ्रेस में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था की समग्र स्थिति,मादक पदार्थ नियंत्रण, सड़क सुरक्षा, साइबर अपराधों की रोकथाम और प्रशासनिक समन्वय को सुदृढ़ करने जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की थी।

अपराधों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा था कि जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक दोनों की भूमिका समान रूप से महत्वपूर्ण है। खराब फरमार्मेंस वाले जिलों के पुलिस कप्तानों को उन्होंने फटकार भी लगाई थी, तभी से कुछ जिलों के कलेक्टर-एसपी को हटाने की चर्चा थी। सात आईपीएस के तबादले को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। अब कलेक्टरों की बारी है।

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