शिक्षा

सशक्त हस्ताक्षर की 41वीं काव्य गोष्ठी संपन्न — साहित्य और सरस्वती का संगम बना जबलपुर


जबलपुर(छत्तीशगढ़ उजाला)-सशक्त हस्ताक्षर संस्था द्वारा आयोजित 41वीं काव्य गोष्ठी शहर के श्री जानकीरमण महाविद्यालय में सानंद संपन्न हुई। कार्यक्रम में साहित्य, संस्कृति और काव्य के रंग घुले जब प्रदेशभर से आए कवियों ने अपनी ओजपूर्ण रचनाओं से वातावरण को भावमय बना दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थापक गणेश श्रीवास्तव ‘प्यासा’ द्वारा अतिथियों और साहित्य मनीषियों के स्वागत से हुआ। सरस्वती वंदना का मनमोहक पाठ सिद्धेश्वरी सराफ ‘शीलू’ ने किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे प्राचार्य राजकुमार महोबिया (उमरिया), अध्यक्षता महामहोपाध्याय आचार्य डॉ. हरिशंकर दुबे ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती विनीता पैगवार (विधि), श्रीमती चंदा श्रीवास्तव (समाजसेविका, महिला मण्डल चित्रगुप्त मंदिर फूटाताल) तथा राजेश पाठक ‘प्रवीण’ उपस्थित रहे। वहीं मंगलभाव श्रीमती विनीता श्रीवास्तव और यशोवर्धन पाठक की गरिमामय उपस्थिति से मंच अलंकृत हुआ।

स्वागत में ज्ञानेन्द्र श्रीवास्तव और चन्द्रप्रकाश श्रीवास्तव की सहभागिता उल्लेखनीय रही।

काव्यपाठ सत्र की शुरुआत मदन श्रीवास्तव की उत्कृष्ट रचना से हुई। इसके बाद विवेक शैलार, दीनदयाल तिवारी ‘बेताल’ (बुंदेली), बालमुकुंद लखेरा (ढीमरखेड़ा) तथा पं. महेश स्थापक ने अपनी रचनाओं से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
राजकुमार महोबिया ने अपने गीतों और नवगीतों से दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरीं। आचार्य विजय तिवारी ‘किसलय’, लखन रजक, डॉ. अरूणा पांडे और विनीता विधि ने अपनी सशक्त प्रस्तुतियों से वातावरण को भावविभोर किया।

विनीता श्रीवास्तव की रचना उत्कृष्ट रही, जबकि शिवानी भगत ने ‘बेटी’ पर भावनात्मक कविता प्रस्तुत की। युवा कवि अम्लान गुहा नियोगी की ऊर्जावान रचना ने जोश भर दिया। श्रीमती तरुणा खरे ‘तनु’ ने करवाचौथ पर बुंदेली में सस्वर गीत प्रस्तुत कर सभी को तालियाँ बजाने पर विवश कर दिया।

कवि संगम त्रिपाठी, जी.एल. जैन, अखिलेश खरे ‘अखिल’, सुरेंद्रलाल साहू ‘निर्विकार’ ने भी मंच को नई ऊँचाइयाँ दीं। कालीदास ताम्रकार ‘काली’, विजय विश्वकर्मा, प्रकाश सिंह ठाकुर (इन्द्राना), डॉ. विजय केसरवानी और अभय तिवारी की प्रस्तुतियाँ प्रभावशाली रहीं।

इं. डॉ. प्रो. ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। श्रीमती कल्पना खरे, श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव और श्रीमती ज्योति खरे ने करवाचौथ पर पति की दीर्घायु की कामना करते हुए भावपूर्ण रचनाएँ पढ़ीं।

कार्यक्रम का संचालन गणेश श्रीवास्तव ‘प्यासा’ एवं सिद्धेश्वरी सराफ ‘शीलू’ ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन तरुणा खरे ‘तनु’ ने किया।

यह काव्य गोष्ठी साहित्य प्रेमियों के लिए एक यादगार संध्या बन गई, जहाँ हर शब्द ने संवेदना और संस्कार का स्पर्श दिया।

प्रशांत गौतम

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