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मालेगांव विस्फोट: साध्वी प्रज्ञा सिंह समेत सभी आरोपी बरी, 17 साल बाद NIA की विशेष अदालत ने सुनाया फैसला

29 सितंबर, 2008 को मालेगांव शहर में हुए बम विस्फोट
-प्रज्ञा सिंह और कर्नल पुरोहित समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया

नई दिल्ली। Malegaon blast: मालेगांव बम विस्फोट मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। आज एनआईए की विशेष अदालत ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने इस मामले में प्रज्ञा सिंह समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है। एनआईए अदालत के न्यायाधीश ने फैसला पढ़ते हुए कहा सरकारी अभियोजकों ने साबित कर दिया कि विस्फोट मालेगांव में हुआ था, लेकिन वे यह साबित नहीं कर पाए कि मोटरसाइकिल पर बम विस्फोट हुआ था। अदालत इस निष्कर्ष पर पहुँची है कि घायलों की उम्र 101 नहीं, बल्कि 95 साल थी और कुछ मेडिकल प्रमाणपत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई थी।

अदालत ने फैसले में क्या कहा?

इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि श्रीकांत प्रसाद पुरोहित के घर पर विस्फोटक रखे गए थे या रखे गए थे। ऐसी किसी भी गतिविधि का कोई सबूत नहीं मिला। पंचनामा तैयार करते समय, जाँच अधिकारियों ने अपराध स्थल का कोई स्केच तैयार नहीं किया। अपराध स्थल से कोई फिंगरप्रिंट, डंप डेटा या कोई अन्य जानकारी एकत्र नहीं की गई। नमूने भी क्षतिग्रस्त थे, इसलिए रिपोर्ट निर्णायक और विश्वसनीय नहीं हो सकती। विस्फोट में शामिल बाइक का चेसिस नंबर स्पष्ट नहीं था। अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि विस्फोट से पहले यह प्रज्ञा के पास था।

29 सितंबर, 2008 को लोग रमज़ान और नवरात्रि का जश्न मनाने में व्यस्त थे। रात 9.35 बजे मालेगांव के भीखू चौक पर एक बम विस्फोट हुआ। चारों ओर धुआँ और चीख-पुकार सुनाई दे रही थी। छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 100 से ज़्यादा लोग घायल हुए। नासिक जि़ले के मालेगांव शहर में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय रहता है। विस्फोट यहीं हुआ था।

Anil Mishra

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