बिलासपुर

*दसवीं और बारहवीं में शत प्रतिशत परिणाम वाले स्कूलों को मिलेंगे दो लाख रुपए, बच्चों को गुणवत्तायुक्त एवं नैतिक शिक्षा देने के लिए कलेक्टर ने दिए निर्देश*

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। कलेक्टर संजय अग्रवाल द्वारा सभी बीईओ, एबीईओ , प्राचार्य, विकासखण्ड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक एवं संकुल शैक्षिक समन्वयकों की विडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली। शिक्षा के सम्पूर्ण आयाम पर चर्चा की गई। इस अवसर पर प्रशिक्षु आई.ए.एस. अरविंथ कुमारन डी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्व्यक, समस्त एपीसी समग्र शिक्षा एवं जिला प्रोग्रामर उपस्थित रहें। कलेक्टर ने कहा कि दसवीं एवं बारहवीं के बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम वाले स्कूलों को 2 लाख एवं 95 प्रतिशत परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों को 1 लाख रूपए की राशि जिला खनिज न्यास निधि से प्रदाय किया जाएगा। जिसका उपयोग विद्यालय के बेहतर संचालन हेतु किया जा सकेगा। इसी प्रकार 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों को जिला स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।

कलेक्टर अग्रवाल द्वारा प्रतिभागियों को निर्देश दिया गया कि युक्तियुक्तकरण पश्चात् जिन शिक्षकों को माननीय न्यायालय में लंबित प्रकरण को छोड़कर अन्य शिक्षकों को जिन शालाओं में पदस्थ किया गया है उन्हें तत्काल कार्यभार ग्रहण कराने की कार्यवाही की जावें। जिन शिक्षकों के द्वारा पदभार ग्रहण नहीं किया गया है उन्हें सूचीबद्ध करते हुए उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जावें। शिक्षकों की विद्यालयीन समय में नियमित उपस्थिति एवं निर्धारित समय में पाठ्यक्रम पूर्ण करने हेतु निर्देश दिया गया।

गुणवत्तायुक्त शिक्षा हेतु अध्यापन को रूचिकर बनाने हेतु यूट्यूब, स्मार्ट क्लास, आईसीटी, सहायक शिक्षण सामग्री का अधिक से अधिक प्रयोग, समूह शिक्षण, प्रायोगिक शिक्षण एवं दैनिक जीवन के साथ शिक्षण वस्तु को सम्बद्ध करते हुए अध्यापन हेतु निर्देशित किया गया। बच्चों को समाज के जिम्मेदार नागरिक बनाने हेतु शिक्षक बच्चों को समय प्रबंधन का कौशल सीखायें, पुस्तक पढ़ने की महत्ता बताते हुए नियमित से स्वाध्याय की आदतो का विकास करें, नैतिक शिक्षा के माध्यम से मूल्य आधारित जीवन का विकास करें, स्वतंत्रता सेनानियों एवं सफल व्यक्तियों के जीवन से सीख लेने हेतु शिक्षक विद्यालय में समय-समय पर उद्बोधन एवं अन्य माध्यम से बच्चों को प्रेरित करें। विद्यालय में इको क्लब का गठन कर पर्यावरण जागरूकता को बढाने हेतु आह्वान किया गया साथ ही रेडक्रॉस एवं एन.एस.एस. की ईकाईयों को सक्रिय करते हुए बच्चों को समाज के हेल्पिंग हैंड के रूप में तैयार किये जाने हेतु निर्देशित किया गया । मध्यान्ह भोजन एवं न्यौता भोज में पौष्टिक खाद्य पदार्थों यथा केला, गुड़, चना, मौसमी फल आदि वितरित किया जाना चाहिए। पाठ्य पुस्तक वितरण की समीक्षा की गई तथा जिले को प्राप्त पाठ्य पुस्तकों का स्केन कर तत्काल वितरण पूर्ण करने कहा गया। जिन शिक्षकों के द्वारा पाठ्य वस्तु को सरल एवं अधिगम योग्य बनाया जाता है उनका वाट्सएप्प ग्रुप तैयार कर पाठ्यवस्तु को जिले में प्रसारित कर सभी बच्चों को लाभान्वित किया जाए।

सामुदायिक सहभागिता अर्जित करने हेतु विद्यालय के पूर्व छात्रों को विद्यालय में बुलाकर सम्मानित करते हुए विद्यालयीन आवश्यकताओं से अवगत कराकर अपेक्षित सहयोग प्राप्त करने हेतु उपाय बताया गया । विद्यालयों के नियमित निरीक्षण एवं अकादमिक सहयोग हेतु जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ-साथ विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, संकुल प्राचार्य, संकुल शैक्षिक समन्वयकों को निर्देशित किया गया।

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