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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर आपत्तिजनक टिप्पणी: बीजेपी ने कांग्रेस से पूछे 12 सवाल

छत्तीसगढ़ उजाला

 

रायपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान कांग्रेस के डीएनए में जमी घोर आदिवासी विरोधी मानसिकता का परिचायक है। कांग्रेस बार-बार संविधानिक पदों और संवैधानिक संस्थानों का अपमान करती है, चाहे वह राष्ट्रपति हो, प्रधानमंत्री हो या उपराष्ट्रपति। देव ने राहुल गांधी को कांग्रेस के नेताओं के बयानों का जिम्मेदार ठहराया और सवाल किया कि क्या खड़गे जी अपने बयान के लिए लिखित माफी मांगेंगे? देश की जनता इस अपमान को कभी स्वीकार नहीं करेगी और कांग्रेस को इसकी भारी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ेगी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है। यह दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी के डीएनए में आदिवासी विरोधी मानसिकता गहराई से समाई हुई है। इससे पहले भी कांग्रेस ने दलित समुदाय से आने वाले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी का अपमान किया था। कांग्रेस पार्टी में दलित विरोधी मानसिकता व्याप्त है। संविधान को हाथ में लेके चलने वाले राहुल गांधी के इशारे पर रिमोट कंट्रोल वाले अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं। आज पूरा देश, हर नागरिक, आदिवासी समाज, दलित समाज और महिलाएं इस बयान की निंदा कर रहे हैं।

जानें क्या कहा था खड़गे ने
खड़गे ने राष्ट्रपति के नाम को अशोभनीय तरीके से बोलते हुए कहा कि “मुरमा को हमने राष्ट्रपति बनाया।” उन्होंने ‘आदरणीय’ या ‘माननीय’ नहीं कहा, न ही ‘द्रौपदी मुर्मू’ कहा। इसी तरह पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम को अशोभनीय तरीके से संबोधित किया और कहा कि “हमने राष्ट्रपति बनाया, क्यों बनाया? हमारे लिए बनाया? हमारी संपत्ति छीनने के लिए बनाया? हमारे जंगल छीनने के लिए बनाया?” मल्लिकार्जुन खड़गे राष्ट्रपति को ‘भूमाफिया’ तक कहा।  क्या उन्हें हमारी संपत्ति और जंगल छीनने के लिए बनाई गई हैं?

बीजेपी ने राहुल गांधी और कांग्रेस से पूछे सवाल- 

  1. क्या मल्लिकार्जुन खड़गे यह बयान राहुल गांधी के इशारे पर दे रहे हैं?
  2. क्या ये आदिवासी विरोधी, दलित विरोधी, महिला विरोधी और संविधान विरोधी बयान राहुल गांधी के निर्देश पर हो रहे हैं? आज पूरा देश इन बयानों पर थू-थू कर रहा है।
  3. राहुल गांधी राजनीति में इतना जहर क्यों घोल रहे हैं? यह किस प्रकार की विषैली राजनीति है?
  4. क्या इससे संविधान की मर्यादा तार-तार नहीं हो रही?
  5. यदि आप (कांग्रेस) राष्ट्रपति  के बारे में यह कहते हैं कि उनकी सहभागिता आदिवासी समाज और दलितों की जमीन हड़पने के लिए है। क्या इस तरह के गंभीर आरोप किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर बिना किसी तथ्य और प्रमाण के लगाना उचित है?
  6. क्या इस तरह की बयानबाज़ी से भारत को मज़बूत किया जाएगा?
  7. क्या राहुल गांधी विपक्ष के नेता की भूमिका ऐसे निभाना चाहते हैं?
  8. क्या मल्लिकार्जुन खड़गे जी अपनी इस गंभीर चूक के लिए लिखित में क्षमा याचना करेंगे?
  9. क्या राहुल गांधी तथा कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता इस बयान की निंदा करेंगे?
  10. क्या स्वयं कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी को इस बयान के लिए पार्टी से निकाला जाएगा?
  11. क्या किसी पार्टी में ऐसे अध्यक्ष की जगह हो सकती है, जो देश का संविधान तार-तार करे, राष्ट्रपति जी के पद का सम्मान न करे और जनता की, विशेषकर दलित समाज और आदिवासी समाज की भावनाओं को आहत करे?
  12. क्या ऐसा कोई संवैधानिक पद नहीं बचा है, जिसका अपमान कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने न किया हो?

‘….तो वह नकली गांधी परिवार है’
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि खड़गे  ‘भू-माफिया’ की बात करते हैं, तो पूरा देश जानता है कि अगर किसी परिवार पर यह तमगा चिपकता है, तो वह नकली गांधी परिवार है। वही परिवार जिसमें रॉबर्ट वाड्रा आते हैं, जो किसानों की ज़मीन हड़पने के मामलों में कुख्यात हैं। इससे पूर्व में भी कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने  द्रौपदी मुर्मू जी और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के खिलाफ़ कई बयान दिए थे। ये बयान कांग्रेस की जहरीली मानसिकता को उजागर करते हैं। कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा था कि “द्रौपदी मुर्मू जैसी राष्ट्रपति किसी भी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद होती है। वो कहती हैं कि 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं। खुद कभी नमक खाकर जिंदगी जीतीं, तब शायद समझ आता।”

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी  ने भी दिया था ये विवादित बयान
भाजपा प्रदेश अध्यक्षने कहा कि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठी देश की महामहिम राष्ट्रपति  को “राष्ट्रपत्नी” कहकर संबोधित किया था। देश के अंदर उस समय राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव चल रहे थे और अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी थी, “हिंदुस्तान की राष्ट्रपत्नी जी सबके लिए हैं, हमारे लिए क्यों नहीं?” यह सोचने वाली बात है कि, एक कांग्रेस नेता द्वारा एक आदिवासी महिला के लिए किस तरह की अभद्र टिप्पणी की जा रही थी। बिना रीढ़ की हड्डी वाले नेता को अगर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने झुकना पड़े तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन अगर कोई महिला मेहनत, कर्मठता, ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता से आगे बढ़कर देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर पहुंच जाए, तो कांग्रेस पार्टी के नेताओं को सबसे ज़्यादा ईर्ष्या होने लगती है।

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