*मारपीट, सूदखोरी और अवैध हथियार जैसे गंभीर मामलों में आरोपित वीरेंद्र और रोहित तोमर पुलिस को चकमा देकर फरार*
छत्तीसगढ उजाला

रायपुर (छत्तीसगढ उजाला)। मारपीट, सूदखोरी और अवैध हथियार के गंभीर मामलों में आरोपित वीरेंद्र और रोहित तोमर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए हैं। पुलिस इन दोनों भाइयों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है, लेकिन अब तक उनका कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है। इनके नेपाल भागने की खबर है। आरोपितों का पासपोर्ट भी नहीं मिल रहा है।
वहीं सूदखोरी मामले में आरोपित बनाई गई दोनों की पत्नियों से भी अब तक पूछताछ नहीं हो पाई है। उनके घर में काम करने वाले, साथ में चलने वाले 35 में से 25 लोग गायब हैं। बताया जा रहा है कि इनके नाम पर करोड़ों की संपत्ति है। पैसों का अवैध लेन-देन इनके ही बैंक खाते में किया गया है।
कर्ज की रकम, संपत्ति भी गुर्गों के नाम
तोमर बंधुओं ने ब्याज के नाम पर लोगों से करोड़ों की वसूली की है। इसके अलावा कर्जदारों को डराकर उनकी संपत्ति की अपने नाम या अपने कर्मचारियों के नाम रजिस्ट्री कराई गई। इन कर्मचारियों के खातों में बड़ी रकम का ट्रांजैक्शन हुआ है, लेकिन सभी कर्मचारी अब गायब हैं। पुलिस इन खातों और संपत्तियों की जानकारी खंगाल रही है। वहीं काम करने वाले दूसरे राज्यों के हैं। इससे अब पुलिस का उन तक पहुंचना मुश्किल होगा।
पुलिस को चकमा देने के लिए तोमर भाइयों ने अपने घर को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया था। चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे और अलग से कर्मचारी रखे गए थे, जो हर हरकत पर नजर रखते थे। मंगलवार सुबह जब पुलिस ने उनके घर दबिश दी तो रोहित घर में ही मौजूद था, लेकिन दोनों भाइयों ने महिलाओं को ढाल बनाकर पुलिस को उलझा दिया और सर्च वारंट की मांग की गई, जिससे तलाशी में देरी हुई। इसी दौरान दोनों भाग निकले। अब लगातार लोकेशन बदल रहे हैं।
दोनों की जानकारी अब एक-एक करके सामने आ रही है। सूदखोरी से जमा की गई राशि को दोनों भाइयों ने सट्टे के धंधे में निवेश किया है। वहीं हवाला का भी काम करते थे। पैसे को एक जगह से दूसरी जगह तक छोड़ने का काम उनके आदमी करते थे।
घर का नक्शा जांच रही नगर निगम की टीम
बता दें कि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के खिलाफ अब नगर निगम ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। नगर निगम की टीम हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और उसके भाई रोहित तोमर के निवास पर पहुंची और उनके आलीशान मकान की नापजोख की कार्रवाई शुरू की। नगर निगम की टीम ने मकान के नक्शे की जांच प्रारंभ कर दी है। निगम के अधिकारी यह देख रहे हैं कि भवन निर्माण नगर निगम की अनुमति और नियमों के अनुसार किया गया है या नहीं।
राजनीतिक संरक्षण में था आरोपित
आरोपित वीरेंद्र तोमर के खिलाफ शुरुआत में कई मामले दर्ज किए गए। इसके बाद उसने राजनीति से जुड़े लोगों से संपर्क किया। उनके लिए काम करने लगा। पैसे की कमी नहीं होने की वजह से उनके आयोजन सहित अन्य कार्यक्रम में पैसे खर्च करता था। राजनीतिक संरक्षण मिलने के बाद दोनों भाई सूदखोरी का धंधा तेजी से करने लगे। पुलिस भी इनके रसूख को देखते हुए कई बार कार्रवाई करने में कतराती थी।