बिलासपुर हाईकोर्ट ने जल संकट और अन्य मामले पर लिया स्वतः संज्ञान, 22 मई को होगी अगली सुनवाई
छत्तीसगढ़ उजाला

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। हाईकोर्ट ने भीषण गर्मी में जल संकट और अन्य मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की है। समाचार रिपोर्ट में जिसमें बताया गया था कि भीषण गर्मी में पूरा बिलासपुर जिला जल संकट से गुजर रहा है और पीएचई विभाग के पास जल संकट वाले गांवों की सूची नहीं है। वहीं 20 मई को निगम का दावा नाले ‘नालियों की नहीं हो रही सफाई, होगा जलभराव’ की खबर में बताया गया है कि बिलासपुर शहर में कई जगहों पर जलभराव हो जाता है, जिससे शहरवासियों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नगर निगम हर साल बारिश से पहले और बरसात के बाद नालों की सफाई करवाता है, ताकि बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या न हो। हालांकि नगर निगम का दावा है कि नालों को चिह्नित कर सफाई का काम किया जा रहा है सभी 8 जोनों में रोस्टर बनाकर कार्य किया जाएगा तथा बरसात में जलभराव नहीं होगा। यह भी बताया गया है कि बड़े नालों की सफाई अभी तक शुरू नहीं हुई है। इन सब मामले को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश अमितेंद्र प्रसाद की बेंच में सुनवाई हुई। इन मामलों के मद्देनजर आयुक्त, नगर निगम, बिलासपुर को अगली तिथि से पूर्व इन दोनों विषयों पर शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। वहीं मामले को आगे की निगरानी और अनुपालन के लिए 22 मई 2025 को सूचीबद्ध किया गया है।