बिलासपुर

*धर्मनगरी रतनपुर महामाया मंदिर में 30 कछुओं की मौत, जाल में फंसे हुए थे कछुएं, सुरक्षाकर्मियों के कामकाज को लेकर उठे सवाल*

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। रतनपुर स्थित महामाया मंदिर कुंड के किनारे 30 कछुए मृत मिले। सभी जाल में फंसे हुए थे। घटना सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। कछुओं की मौत की वजह स्पष्ट नहीं है। ट्रस्ट का सहयोग लेकर वन विभाग मामले की जांच में जुटी है।

जाल में फंसे मृत कछुओं को मंगलवार की सुबह देखा गया। एक शख्स ने इसकी जानकारी ट्रस्ट को दी। इसके बाद कछुओं की मौत की यह घटना आग की तरह फैल गई। प्रथम दृष्टया तो यही लगा कि किसी ने कुंड में जाल फेंका होगा। उसमें कछुए फंसने के बाद वह मौके पर उन्हें छोड़कर भाग गया होगा।

आज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया गया
विभाग ने इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही अज्ञात के खिलाफ विभाग ने अपराध भी दर्ज कर लिया है। इधर, घटना के बाद से रतनपुर में हड़कंप मचा हुआ है। सूचना मिलते भीड़ मौके पर पहुंच गई।

इसके बाद वन विभाग ने कछुओं को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार भी किया गया। मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही शंकर गेट के पास अज्ञात तत्वों द्वारा महामाया मैदान की दुकान में आग लगा दी गई थी। घटना के दौरान इसकी चर्चा भी हुई और यह कहा कि मंदिर परिसर में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ है।

बाहर से लाकर कछुओं को रखने की आशंका
वन विभाग की टीम मृत कछुओं को लेकर पोस्टमार्टम के लिए कानन पेंडारी जू पहुंची। यहां पोस्टमार्टम के दौरान एक बात सामने आई। कछुओं की मौत तीन से चार दिन पहले हो चुकी है।

इसे देखते हुए ही मृत कछुओं का बिसरा एकत्र किया गया है। अब इसकी लैब में जांच कराई जाएगी। इसके लिए एक वनकर्मी को बिसरा लेकर बुधवार को जबलपुर भेजा जाएगा।

कुंड के पास का सीसीटीवी कैमरा मिला बंद
पड़ताल के दौरान सबसे पहले सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगालने का प्रयास किया गया। मगर, जांच दल हैरान रह गया, जब उन्हें यह पता चला कि कुंड के आस-पास लगे कैमरे बंद हैं। यह स्थिति ट्रस्ट की सुरक्षा व्यवस्था के दावे को खोखला साबित कर रही है।

हालांकि, अभी कुछ और कैमरे भी हैं, जिनकी जांच नहीं हुई है। बुधवार को वन अमला इन कैमरों की मदद से घटना की जांच करने का प्रयास करेगा।
सुरक्षाकर्मियों के कामकाज को लेकर उठे सवाल
महामाया मंदिर में ट्रस्ट की ओर से निजी सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी इन सुरक्षाकर्मियों को जानकारी नहीं मिली। यह भी समझ से परे है, जबकि उनका दायित्व ही निगरानी और सुरक्षा करना है।

Related Articles

Back to top button