कोरबा

आचार संहिता का पूरा फायदा उठा रही पुलिस वाहन मालिकों से टीआई तिवारी के नाम पर अवैध वसूली का विडियो सोशल मीडिया में हो रहा वायरल, टीआई ने कहा – वो करतला से हैं

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विशेष संवाददाता – प्रतीक सोनी
कोरबा (छत्तीसगढ़ उजाला)। छत्तीसगढ़ प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 का चुनाव होने की तिथि का ऐलान होने के बाद पूरे प्रदेश में आचार संहिता लागू की गई है व कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सभी को सादर आचार संहिता का पालन करने के कड़े निर्देश भी जारी किए गए हैं। कुछ दिन पूर्व बिलासपुर रेंज आईजी ने भी संभागीय बैठक लेते हुए अधिकारियों को निष्पक्ष चुनाव करने व बिना किसी के दबाव में निष्पक्ष कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए थे। कड़े निर्देश के बावजूद भी कुछ पुलिस अधिकारी व कर्मचारी अवैध वसूली करने में मदमस्त दिख रहे हैं जिनका वीडियो जोर-शोर से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

दरअसल, मामला यही है कि कोरबा जिले के उरगा थाना अंतर्गत कुछ पुलिसकर्मी अवैध वसूली करते हुए सोशल मीडिया में वायरल वीडियो के अनुसार दिख रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार वाहन मालिक बृजेश पांडे की गाड़ी कोरबा से शक्ति बाईपास के लिए जा रही थी तभी रास्ते में सरकारी वाहन के साथ राहुल बघेल नामक व वीरेंद्र कुमार अनंत पुलिसकर्मियों द्वारा टीआई तिवारी के नाम पर अवैध वसूली करते नजर आ रहे हैं जिसका किसी प्रकार का कोई राशि दिया असली भी नहीं जारी किया गया है। वाहन मालिक ने बताया कि हमने उनको पांच पांच के 10 नोट 5000 रुपये रिश्वत के तौर पर दिया है। वाहन मालिक का कहना है कि यह घटना एक दिन की नहीं है आए दिन इन लोगों का ऐसा ही रवैया बना रहता है। वायरल वीडियो जवाबदार अधिकारियों तक पहुंचाने के बाद अब देखना यह है कि इसमें जिला निर्वाचन अधिकारी व जिला कलेक्टर, कोरबा पुलिस अधीक्षक क्या कार्रवाई करते हैं।

इस संबंध में जब उरगा थाना प्रभारी युवराज तिवारी से उजाला संवाददाता ने बात की तो उन्होंने बताया कि मुझे भी सोशल मीडिया पर समाचार से ही जानकारी हुई है, उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि उन दोनों पुलिस कर्मियों को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है।

अब देखना यह है कि तत्कालीन पदस्थ पुलिस कप्तान जितेंद्र शुक्ला रंगें हाथ खुले आम करतला से आ कर प्रतिदिन अवैध वसूली जारी थी वो भी उनके ही नाम से और थाना प्रभारी तिवारी को भनक तक नहीं लगी यह सोचनीय है? क्या आचार संहिता में पुलिस का सूचना तंत्र इतना वाकई कमजोर हो गया है या उरगा थाना प्रभारी की भी भूमिका संदिग्ध है यह तो जांच का विषय है। फिलहाल स्थानीय पत्रकारों से चर्चा में पता चला कि कोरबा पुलिस ग्रुप में पुलिस कर्मियों का निलंबन पत्र वायरल नहीं किए जाने से अधिकारिक पुष्टि नहीं किया जा सकता है, शिकायत कर्ता का कहना है कि उसको अलग अलग मोबाइल नंबरों से फोन करके सोशल मीडिया से विडियो डिलीट करने का भी दवाब लगातार बनाया जा रहा है। अब देखते हैं कि हाथों में रिश्वत लेने का वीडियो जो वाहन मालिक ने बनाया है उसको देखते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी व कोरबा कलेक्टर अब क्या कठोर कार्यवाही करत हैं।

आपके माध्यम से यह जानकारी हमें प्राप्त हुई है, इसकी विभागीय जांच करवाई चल रही है‌ जो भी कार्यवाही होगी उसको प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जारी किया जाएगा।

अभिषेक वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (कोरबा)

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