बिलासपुर

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच का महत्वपूर्ण फैसला : प्रदेश के राजस्व न्यायालयों में अब आनलाइन आवेदन ही होंगे स्वीकार

छत्तीसगढ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने राजस्व मामलों के निराकरण को लेकर महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने अब प्रदेश के राजस्व न्यायालयों में आनलाइन आवेदन लेने का निर्देश दिया है।
बीते सुनवाई के दौरान बिलासपुर तहसील में डायवर्सन सहित अन्य कार्यों में भ्रष्टाचार और पैसे दिए बिना काम नहीं करने पर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया था। डिवीजन बेंच ने बिलासपुर कलेक्टर को उपस्थित होकर शपथपत्र के साथ जवाब देने के लिए कहा था। यह भी जानकारी मांगी थी कि जमीन और डायवर्सन के कितने केस दर्ज हैं और कितने लंबित हैं। बिलासपुर निवासी रोहणी दुबे ने स्थानीय तहसील कार्यालय में जमीन के डायवर्सन प्रकरण के लिए आवेदन किया था। काफी समय बाद भी तहसील में इस मामले की न तो सुनवाई हुई, न ही इसका निराकरण किया गया। इस बीच उन्हें जानकारी मिली कि सिर्फ कुछ पैसों को लेकर यह प्रकरण रोका गया है। इसका विरोध करते हुए उन्होंने अधिकारियों से शिकायत की और प्रकरण रोकने की वजह जाननी चाही। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा कि तहसील कार्यालय में एसडीएम की नाक के नीचे जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है।

बिना पैसों के काम नहीं होता, पक्षकारों को भटकना पड़ता है

याचिका के अनुसार बिलासपुर के तहसील कार्यालय में स्टाफ की मनमानी, कार्यों को जानबूझकर कर अटकाने सहित भ्रष्टाचार की शिकायत आए दिन आते रहती हैं। कई बार आरोप लगते रहे हैं कि तहसील में बिना पैसों के कोई काम नहीं होता। नामांतरण, सीमांकन, डायवर्सन सहित संबंधित अन्य कार्यों के लिए खुलेआम पैसे की मांग की जाती है। यहां दलाल भी सक्रिय हैं, जिनको यहां के स्टाफ का संरक्षण है। अपनी याचिका में रोहिणी दुबे ने इन्हीं सब मुद्दों को उठाते हुए कहा है कि तहसील कार्यालय में बिना पैसों के कुछ काम नहीं होता। याचिका में बताया गया है कि शिकायतों का भी असर नहीं होता। इसके मद्देनजर यहां की कार्यप्रणाली की जांच और उचित कार्रवाई के लिए आदेश जारी करने की मांग की गई है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रजनी दुबे के डीविजन बेंच में हुई। आनलाइन आवेदन के सम्बंध में कोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है।

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