बिलासपुर

लोन इन्वेस्टमेंट के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी का मामला, त्वरित निदान माइक्रो फाउंडेशन नामक माइक्रो फाइनेंसिंग कंपनी के डायरेक्टर को पुलिस ने किया गिरफ्तार

छत्तीसगढ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। त्वरित निदान माइक्रो फाउंडेशन नामक माइक्रो फाइनेंसिंग कंपनी चलाने वाले डायरेक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर करोड़ों की धोखाधड़ी की है। पुलिस ने आरोपित के पास से बड़े पैमाने पर दस्तावेज, चेक, लैपटाप, नोट गिनने की मशीन समेत अन्य सामान जब्त किया है। यह कार्रवाई सरकंडा पुलिस ने की है।
एएसपी उमेश कश्यप, एएसपी अनुज कुमार ने बताया कि मानस रंजन मिश्रा और प्रभा मिश्रा सरकण्डा थाना क्षेत्र में पिछले 4-5 वर्षों से त्वरित निदान माइक्रो फाउंडेशन नामक माइक्रो फाइनेंसिंग कम्पनी चला रहे थे। इन्होंने विगत वर्षों में सैकड़ों लोगों से पैसे नगद, चेक एवं अन्य माध्यमों से इस कम्पनी के अलावा एपी वेंचर्स नामक कम्पनी में अलग-अलग प्रकार के प्रलोभन देकर पैसे इन्वेस्ट कराये थे। इसी क्रम में वीरेंद्र मसीह ने भी कुल 23 लाख 27 हजार रुपए 12 माह बाद दोगुना होकर मिलेंगे, इस झांसे में आकर जमा किए थे। लेकिन, इन्हे पैसे नहीं मिले। पुलिस से शिकायत पर पुलिस धोखाधड़ी का केस दर्ज कर कम्पनी के डायरेक्टर मानस रंजन मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपितों के खिलाफ अभी तक प्राप्त आवेदनों के आधार पर विभिन्न लोगों से मिश्रा दम्पति ने लगभग 2.5 करोड़ रुपए से अधिक इन्वेस्ट कराये थे और इनके पैसे वापस नहीं किए हैं। पुलिस सभी आवेदनों की जांच कर रही है। पुलिस ने निदान माइक्रो फाउंडेशन के सिटी काम्प्लेक्स स्थित आफिस में तलाशी ली और वहां से फर्जीवाड़े से संबंधित विभिन्न दस्तावेज एवं कम्प्यूटर सिस्टम जब्त किए हैं।

प्रशिक्षु डीएसपी रोशन आहूजा ने बताया कि आरोपितों की यह कम्पनी भारत सरकार के कारपोरेट अफेयर्स मंत्रालय में रजिस्टर्ड थी। इस कम्पनी के द्वारा ऐंजल इन्वेस्टर्स, वेंचर केपिटल तथा इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स से पैसे प्राप्त करने की पात्रता थी। लेकिन, आरोपित लोगों से इंडीविजीवाल पैसे जमा करवाने लगे और उन्हें दोगुना रकम देने का झांसा देते रहे।

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