बिलासपुर

*कांग्रेस नेताओं के दबाव में नज़र आती बिलासपुर पुलिस, अपराधियों पर लगाम लगाने में असफल पुलिस प्रशासन* *हाईकोर्ट ने सीएसपी को लगाई फटकार*

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बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। जमीन संबंधी एक प्रकरण में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने लापरवाही बरतने के आरोप में सिविल लाइन सीएसपी को जमकर फटकार लगाई। याचिकाकर्ता ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि शिकायत के बाद भी एफआइआर दर्ज नहीं की जा रही है और आरोपितों को बचाने पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि इस बात की भी आशंका है कि कहीं पुलिस द्वारा आरोपित को संरक्षण तो नहीं दिया जा रहा है।

याचिका की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास के सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से दायर मामले में कुछ नेताओं के नाम सामने आने पर पुलिस द्वारा कार्रवाई ना करने की शिकायत भी की गई है। इस पर कोर्ट ने पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर नाराजगी जताई। याचिकाकर्ता जमीन के एक मामले में कांग्रेस नेता अकबर खान और दीपेश चौकसे पर आरोप लगाया है। पुलिस में शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने की बात कही है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कड़े शब्दों में सीएसपी से पूछा कि अब तक एफआइआर क्यों दर्ज नहीं की गई। पुलिस की कारवाई से हाई कोर्ट ने सीएसपी को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसा क्या हो जाता है कि बड़े लोगों के ऊपर एफआईआर करने से चूक ही जाते हैं। इतनी कड़ी फटकार लगने के बाद सीएसपी संदीप पटेल के सुर बदल गये। सर तुरंत नोटरी के साथ एफआईआर करता हूँ बोलकर वे अपना पल्ला झाड़ने की कोशिस करने लगे।

गौरतलब है कि सिद्धांत नागवंशी आत्महत्या मामले में भी जज साहब ने स्वतः संज्ञान लेते हुवे इस केस को उसी केस से जुड़ा हुआ बताया। साथ ही साथ उन्होंने सीएसपी संदीप पटेल को डांटते हुवे अपने पहनी हुई वर्दी की इज़्ज़त करने की सलाह दी। बिलासपुर के कानून व्यवस्था का बहुत बुरा हाल है पुलिस पर कई मामलों में लेनदेन के गंभीर आरोप लगते है। लेकिन पुलिस द्वारा कई मामले में झूठे केस बनाकर बेगुनाहों को जेल भेज दिया जाता है। वहीं रशुक के आगे पुलिस नतमस्तक नजर आती है। वही बिलासपुर उच्च न्यायलय द्वारा अभी हालही में ही मीडिया रिपोर्ट के आधार पर जनहित से जुड़े मुद्दे चाहे वह सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सिम्स का हो या भी रेल विभाग से जुड़ा मामला हो। कोर्ट द्वारा इन मामलों में स्वयं संज्ञान लेकर जिस प्रकार व्यवस्था को चलाने वाले ज़िम्मेदारो पर तल्ख टिप्पणी की जा रही है उसकी भी आम जनता जमकर सराहना कर रही है है और उम्मीद की जा रही है की जल्दी ही लोगो को उचित इंसाफ मिल सकेगा।

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