मध्यप्रदेशराज्य

शैक्षणिक सत्र शुरू हुए एक सप्ताह बीता… परिणाम का इंतजार

सीयूईटी यूजी ….परिणाम ही नहीं आया, कब बनेगी मेरिट लिस्ट फिर काउंसलिंग, प्रबंधन और विद्यार्थी असमंजस में

भोपाल । नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा कराई जाने वाली प्रवेश परीक्षाओं पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है परीक्षा की गोपनीयता और विश्वसनीय के साथ परिणाम में भी लेटलाली विद्यार्थियों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। डेढ़ महीने पहले देश के प्रमुख यूनिवर्सिटिययों में प्रवेश के लिए तकरीबन 14 लाख विद्यार्थियों ने सीयूईटी यूजी परीक्षा में अपनी सहभागिता दी थी  नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए एक सप्ताह हो रहा है सीयूईटी के माध्यम से चुनिंदा विषयों में प्रवेश लेने वाले इन विद्यार्थियों को कॉलेज में  प्रवेश के लिए परिणामों का इंतजार बना हुआ।
 नेशनल टेस्टिंग एजेंसी सीयूईटी यूजी के माध्यम से देशभर की प्रमुख यूनिवर्सिटियो के विद्यार्थियों को परिणाम का बेसब्री से इंतजार है। ऑनलाइन आंसर शीट अपलोड हो जाने के बाद आगामी 2 से 3 दिनों में परिणाम जारी होना था  बेसब्री विद्यार्थियों इंतजार मे है, परिणाम आने में अभी और 4 से 6 दिन का इंतजार करना पड़ सकता है  वहीं यूनिवर्सिटी में पहले मेरिट लिस्ट और फिर काउंसलिंग शेड्यूल बनाया जाएगी जिसमें अभी समय लगेगा  परिणाम का इंतजार सभी कर रहे हैं। 1 जुलाई से नया शैक्षणिक सत्र कॉलेज में शुरू हो चुका है अब प्रवेश परीक्षा के परिणाम में देरी होने के कारण डेढ़ महीने नए विद्यार्थियों को कक्षाओ में पहुंचने में देरी  लगना तय है  पढ़ाई प्रभावित होगी। अकेले देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में 24 पाठ्यक्रमों के 1300 से ज्यादा विद्यार्थियों को पहली बार कॉलेज में प्रवेश दिया जाना है। जबकि पिछले सवा 2 महीने से कालेजों मे प्रवेश के माध्यम से नान सीयूईटी कोर्सेस की काउंसलिंग चल रही थी जिसमें निजी कॉलेजों की आधी से ज्यादा सीटे खाली रह गई हैं, पीजी काउंसलिंग में भी दूसरा दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में विद्यार्थी सीयूईटी यूजी परीक्षा देकर खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

विद्यार्थियों की रुचि कम
गत वर्ष सीयूईटी के परिणाम में भी लेटलतीफी से दिया था जिससे यूनिवर्सिटी में सीटे खाली रह गई थी, विभागवार काउंसलिंग कर सम्मानजनक स्थिति में विद्यार्थियों के प्रवेश संख्या पहुंची थी इस बार भी परिणाम में देरी के चलते विद्यार्थियों की रुचि सीमित लग रही है कुछ चुनिन्दा विषयों को छोडक़र आधा दर्जन विभागों में गत वर्ष जैसी स्थिति बनना तय है

News Desk

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